राज्य में धार्मिक स्थलों पर पाबंदी व ई-पास कायम
मंदिरों व तीर्थ क्षेत्र शुरु किए जाने की हो रही मांग
मुंबई – कोरोना को लेकर राज्यभर में लॉकडाउन कर दिया गया था. जिसमें कुछ नियमों को शिथिल किया गया. १ सितंबर से चौथे चरण का अनलॉक शुरु होगा. जिसमें धार्मिक स्थलों व तीर्थ क्षेत्रों को शुरु किए जाने की मांग राज्य में की जा रही है. जिसमें ई-पास को भी रद्द किए जाने की मांग हो रही है. राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमितों की बढती संख्या को ध्यान में रखते हुए कुछ समय के लिए प्रतिबंध कायम रखने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है. परिणामस्वरुप केंद्र सरकार ने सूचना कर ई-पास और अंतरजिला प्रवास पर पहले जैसा प्रतिबंध कायम रखा है. प्रवासी यातायात व वस्तु यातायात पर प्रतिबंध उठाया जाए.
इस संदर्भ में केंद्र सरकार ने सूचना दी थी उसी प्रकार मेंदिर और व्यायाम शाला शुरु करने के मांग की पार्श्वभूमि पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की उपस्थित मे वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक ली गई थी. जिसमें लॉकडाउन को शिथिल कर तीसरे चरण में मॉल, व्यापारी संकूल निजी दुकाने व सरकारी व निजी कार्यालय को शुरु करने की अनुमति दी गई. जिसमें अब शिथिलीकरण के चौथे चरण में सभी धार्मिक स्थल खोले जाए व जिला बंदी हटायी जाए. जिसके लिए विरोधी पक्ष की ओर से सरकार पर दबाव डाला जा रहा है. केंद्र सरकार ने ई-पास बंद करने की सूचना भी राज्य सरकार को दी है. किंतु राज्य में ई-पास व धार्मिक स्थलों पर प्रतिबंध कायम है. राज्य में बढते कोरोना प्रादुर्भाव को लेकर गंभीरता से विचार कर राज्य सरकार ने प्रतिबंध का निर्णय कायम रखा है.
राज्य सरकार अपने निर्णय पर कायम है ऐसा सूत्रों द्वारा कहा गया है. बुधवार को राज्यमंत्री मंडल की बैठक में राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भी ई-पास का मुद्दा उठाया था. मुंबई, ठाणे सहित शहरी भाग में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आ रहा है किंतु ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की संख्या तेजी से बढ रही है. शहर की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र मे आज भी वैद्यकीय सुविधाएं कम है. उसमें भी गणपति उत्सव के साथ मोहरम, नवरात्र, दशहरा पर्व आगे आएगें. जिलाबंदी उठाने के पश्चात समान अंतर का नियम टूट सकता है. जिसमें नियंत्रण में आयी महामारी वापस बढ सकती है. इन सभी बातो को गंभीरता से लेते हुए प्रतिबंध कायम रखने का निर्णय राज्य मंत्री मंडल की बैठक में लिया गया.