मुंबई/दि.१६ – कोरोना के खिलाफ लड़ाई भयानक और जानलेवा है. इस लड़ाई में सबको एक होकर लड़ना है. कोरोना का संक्रमण इसी तरह से बढ़ता रहा तो लड़ाई और मुश्किल होती चली जाएगी. इसलिए राज्य में ‘माझा डॉक्टर’ (मेरा डॉक्टर) संकल्प को हमें लागू करना है. इसमें फैमिली डॉक्टर की भूमिका अहम होने वाली है. इसके लिए तैयार रहें. ऐसा आह्वान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को डॉक्टरों से संवाद करते हुए किया.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से महाराष्ट्र के टास्क फोर्स के सदस्यों से संवाद साधा और उनके सामने ‘माझा डॉक्टर’ (मेरा डॉक्टर) का विचार रखा. मुख्यमंत्री के साथ इस बैठक में डॉक्टर संजय ओक शशांक जोशी, डॉक्टर तात्याराव लहाने और डॉक्टर राहुल पंडित उपस्थित थे. राज्य सरकार ने 1 जून तक लॉकडाउन लगाया हुआ है. एक तरफ कठोर प्रतिबंध लगाया गया है तो दूसरी तरफ कोरोना को रोकने के लिए सरकार की ओर से अलग-अलग उपाय योजना लाई गई है. इस मौके पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, कोविड से लड़ाई बड़ी है, जानलेवा है. इस लड़ाई में लड़ने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री होने के नाते मैं आप लोगों के साथ हूं. पिछले साल अंधकार के वक्त विशेषज्ञ डॉक्टरों ने काफी मदद की. आपकी ओर से उपचार की पद्धति क्या होनी चाहिए. किस बीमारी पर कौन सी दवाई दी जानी चाहिए. कितनी मात्रा में दी जानी चाहिए. इसके लिए आप लोगों ने मार्ग दर्शक तत्व तैयार की. सबका एक फैमिली डॉक्टर होता है. उस डॉक्टर की सलाह लेकर ही हम इलाज के बारे में फैसले लेते हैं. फैमिली डॉक्टर को परिवारों के बारे में सभी जानकारियां पता होती हैं. इसलिए इसके बाद से माझा डॉक्टर संकल्पना को अमल में लाना है.
कोरोना के उपचार के बारे में बोलते हुए सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा, 70 से 75 प्रतिशत मामले में बीमारी में लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. ऐसे लोगों को अस्पताल में दाखिल करने की जरूरत नहीं है. लेकिन कुछ दिनों से मृत्यु दर बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. यहां डॉक्टर शिकायत करते हैं कि उनके पास मरीजों को लाने में देरी की गई. घर में ही बीमारी को ठीक करने की कोशिश की जाती है. घर में ही बीमारी ठीक की जा सकती है, लेकिन उनके इलाज पर निगरानी रखना, सही दवाई की सलाह देना जैसे काम आपको करने हैं. इन शब्दों में सीएम उद्धव ठाकरे ने अपने ‘माझा डॉक्टर’ की मुहिम के संबंध में विचार रखे.