महाराष्ट्र

हर अस्पताल में कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित नहीं होंगे बेड

स्वास्थ्य विभाग ने इसे बताया ‘गलत प्रैक्टिस

 दि.२५

मुंबई-राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश के सभी जिलाधिशों व मनपा आयुक्तों के नाम जारी पत्र में कहा गया है कि, वे उनके कार्यक्षेत्र अंतर्गत आनेवाले हर एक अस्पताल में कुछ बेड कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित न करवाये. किंतु ऐसा करने से इन अस्पतालों में भरती होनेवाले नॉनकोविड मरीजों में भी कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा उत्पन्न हो सकता है. इसके स्थान पर जो अस्पताल निजी कोविड हॉस्पिटल की सुविधा प्रदान करना चाहते है, वहां पर कोविड मरीजों के लिए स्वतंत्र वॉर्ड बनाया जाये. इस संदर्भ में जारी पत्र में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. प्रदीप व्यास द्वारा २९ जून को जारी परिपत्रक में कहा गया है कि, जिन अस्पतालों को पहले से ही महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के तहत सुचीबध्द किया जा चुका है, वहां पर कोविड व नॉनकोविड मरीजों को इस योजना के तहत नि:शुल्क दरों पर इलाज उपलब्ध कराया जायेगा. हालांकि इस योजना के दायरे से बाहर रहनेवाले बातों के लिए मरीजों को खुद ही खर्च उठाना होगा. उल्लेखनीय है कि, विगत दिनों ही स्वास्थ विभाग द्वारा महात्मा फुले जनआरोग्य योजना में कुछ नये संशोधन किये गये थे तथा इससे पहले विगत २१ मई को जारी किये गये नोटिफिकेशन में काफी सुधार किये गये है. बता देें कि, राज्य के स्वास्थ्य महकमे द्वारा राज्य के निजी अस्पतालोें में ८० प्रतिशत बेड इस योजना के तहत आरक्षित रखने की बात कही गयी थी. जिसके बाद राज्य में कई मनपा आयुक्तों ने अपने-अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत स्थित निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए निर्धारित संख्या में बेड आरक्षित करने को लेकर निर्देश जारी किये. जिससे काफी संभ्रम भी फैला. ऐसे में स्थिति को स्पष्ट करते हुए स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव डॉ. प्रदीप व्यास ने कहा है कि, सरकार ने सभी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए बेड आरक्षित करने की बात नहीं कही है. क्योकि ऐसा करने से तो इन अस्पतालों में अन्य बीमारियों के चलते भरती होनेवाले मरीजों में भी कोरोना का संक्रमण फैल सकता है. उल्टे सरकार एवं स्वास्थ महकमे ने अधिक से अधिक निजी अस्पतालों को निजी कोविड हॉस्पिटल बनने हेतु प्रेरित करने की बात कही थी. साथ ही सभी अस्पतालों में जन आरोग्य योजना में सूचीबध्द बीमारियों से पीडित मरीजों के इलाज हेतु ८० प्रतिशत बेड आरक्षित रखने की बात कही थी. जनआरोग्य में कोविड का भी समावेश इस परिपत्रक में राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि, महात्मा फुले जनआरोग्य योजना के तहत कोविड व नॉनकोविड मरीजों के बीच कोई फर्क नहीं किया जा रहा है और राज्य के सभी नागरिकों को इस योजना के दायरे में रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा कहा गया कि, इस योजना के तहत ९९६ प्रकार की बीमारियों का योजना में सूचीबध्द अस्पतालों द्वारा इलाज किया जाता है. इन बीमारियों में श्वसन संबंधी बीमारियों और हृदयरोग संबंधी समस्याओं का समावेश है. लगभग यही लक्षण कोरोना से पीडित मरीजों में भी रहते है. ऐसे में योजना के तहत सुचीबध्द अस्पतालों में कोविड अस्पताल की सुविधा उपलब्ध रहने पर वहां भरती होनेवाले मरीजों को जनआरोग्य योजना का लाभ मिलेगा. हालांकि कुछ बातों के लिए संबंधित मरीजों को खर्च का वहन करना पडेगा. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि, निजी कोविड अस्पतालों के लिए सरकार की ओर से जनरल वॉर्ड हेतु ४ हजार रूपये, स्पेशल वॉर्ड हेतु ७ हजार ५०० रूपये तथा आयसीयू हेतु ९ हजार रूपये रोजाना प्रति बेड की दर निश्चित की गई है. वहीं इन अस्पतालों द्वारा नॉन कोविड मरीजों से अपनी नियमित दरों के हिसाब से शुल्क वसूला जा सकता है. किंतु कोविड मरीजों से सरकार द्वारा निर्धारित दरों से अधिक शुल्क नहीं लिया जा सकता.

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