महाराष्ट्र

भागवत कथा दु:ख को जड से नष्ट करनेवाला अमृत है

हभप कनेरकर महाराज का प्रतिपादन

दापोरी /दि.10– संत साहित्य मानव के लिए प्रेरक है. विविध धर्मग्रंथ ने मानव को आत्मकल्याण का मार्ग दिखाया है. इस मार्ग पर चलकर सभी अपना जीवन सत्कर्म में लगाए. भागवत कथा यानी दु:ख को जड से नष्ट करनेवाला अमृत है. ऐसा प्रतिपादन गुरूवर्य वाणीभूषण विदर्भ रत्न हरिभक्त पारायण कनेरकर महाराज ने किया. श्री संत लालदास बाबा के 104 वी पुण्यतिथि समारोह निमित्त आयोजित सप्ताह में वे बोल रहे थे.
इस समय कनेरकर महाराज ने कहा कि श्रीमद भागवत कथा जीवन में दु:ख और परेशानी को मिटानेवाली है. भागवत कामधेनू है. भागवत कल्पवृक्ष है, भागवत चिंतामणी जिनके मन में भागवत, जिनके घर में भागवत और लालदास स्वामी महाराज के चरण स्पर्श कर भागवत सुनने से मन के और घर के सभी दु:ख दूर होते है. जीवन को सोना करना अपने हाथ में है. इसलिए इस सप्ताह में आकर अपने जीवन को सुंदर बनाकर आदर्श जीवन जीकर अपना संसार सुखी कैसे होगा. यह आज के प्रवचन में गुरूवर्य वाणीभूषण विदर्भ रत्न हरिभक्त परायण कनेरकर वर्णन करते समय सभी की आंखों में आंसू लाकर भागवत की कथा सुनाने का प्रयास किया.
श्री संत लालदास बाबा की 104 वी भव्य पुण्यतिथि महोत्सव दापोरी में सालाबाद के अनुसार इस वर्ष भी बडे उत्साह से मनाकर पुण्यतिथि महोत्सव निमित्त संगीतमय सदृश्यमय श्रीमद भागवत कथा सप्ताह विदर्भ रत्ल प पू. गुरूवर्य वाणी भूषण भागवताचार्य हभप कनेरकर महाराज की अमृततुल्य वाणी से विविध उपक्रम चलाकर उत्साह से किया गया.

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