नांदुरा/ दि.30 – जलगांव जामोद तहसील के पूर्णा नदी के किनारे बसे भेंडवल गांव में 3 मई को अक्षय तृतीया के मुहूर्त पर घट की रचना होगी और घट को 4 मई को खोला जाएगा और उसके पश्चात भविष्यवाणी की जाएगी. यह परंपरा 350 वर्षो से भी अधिक पुरानी बताई गई है. समाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति की भविष्यवाणी करने वाली भेंडवल की घट रचना पूरे राज्य में प्रसिद्ध है. घट रचना से बारिश, फसल की स्थिति, राज्य की स्थिति और आर्थिक संकट की सूचना व्यक्त की जाती है. इस साल बारिश कैसी रहेगी इस ओर किसानों का ध्यान लगा रहता है. इसलिए विशेष रुप से किसानों व्दारा घट की रचना की जाती है.
घट की रचना 3 मई को अक्षय तृतीया के दिन शाम के समय में की जाएगी और 4 मई की सुबह चंद्रभान महाराज के वंशज कुंजाजी महाराज एवं सारंगधर महाराज घट खोलने के बाद भविष्यवाणी करेंगे. इस घट की रचना गांव के बाहर बसस्थान के समीप स्थित एक खेत में की जाती है. घट में गेहूं, ज्वार, तुअर, उडद, मूंग, चना, अलसी, तील, बाजरा, चावल, करडी, सरकी आदि कई प्रकार के अनाज रखे जाते है. इसके बाद एक गड्ढे के बिचोबीच मिट्टी का ढेला उस पर पानी से भरी घागर रखी जाती है. पान, सुपारी, पुरी, पापड आदि खाद्य पदार्थ भी रखे जाते है. पुरी रात उस जगह पर कोई रुकता नहीं है दूसरे दिन सुबह इस गड्ढे में हुए बदलाव का निरीक्षण किया जाता है और उसके पश्चात भविष्यवाणी की जाती है.
* हर साल दूर-दूर से आते है लोग
हर साल भविष्यवाणी सुनने दूर-दूर से आते है लोग जिसमें विदर्भ के साथ-साथ मराठवाडा, कोकण, मध्यप्रदेश से भी सैकडों किसान इस दिन भेंडवल गांव में आकर पूरी रात ठहरते है. जलगांव खांदेश, अकोला, अमरावती, वााशिम, भुसावल, औरंगाबाद के सैकडों किसान घट रचना के लिए जमा होते है और भविष्यवाणी सुनने के बाद खरीफ व रबी के मौसम की दिशा तय करते है. आधुनिक समय में मौसम का लेखा-जोखा कितना ही सटिक क्यों न लगे लेकिन बारिश कैसी रहेगी इस ओर 350 वर्षो से चली आ रही भेंडवल घट रचना की ओर किसानों का ध्यान लगा रहता है.