भारीभरकम बिलों में १०० यूनिट तक का बिल माफ हो सकता है
विद्युत ग्राहकों को जल्द मिल सकती है खुशखबर

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सरकार ने महावितरण को दिये प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश
पुणे हिं.स /दि.२१ – भारी भरकम विद्युत बिलों की वजह त्रस्त हो चले राज्य के विद्युत ग्राहकों को राहत देने का विचार करते हुए सरकार प्रति विद्युत ग्राहक १०० यूनिट बिजली की जिम्मेदारी महावितरण पर डालने का प्रयास कर रही है. राज्य के उर्जामंत्री डॉ. नितीन राउत ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश महावितरण को दिया है. ज्ञात रहें कि, कोरोना के चलते लागू किये गये लॉकडाउन के बाद महावितरण द्वारा भेजे गये भारी भरकम विद्युत बिलों की वजह से सभी विद्युत ग्राहकोें में संताप की लहर व्याप्त हो गयी थी ओर महावितरण सहित जनप्रतिनिधियों के पास शिकायतों के ढेर लगने शुरू हो गये थे. बता दें कि, लॉकडाउन के दौरान मार्च, अप्रैल व मई इन तीन माह में विद्युत मीटर रीडिंग नहीं हुआ था. जिसकी वजह से दिसंबर २०१९ से फरवरी २०२० इन तीन माह का औसत निकालकर उस आधार पर जून माह में विद्युत बिल भेजे गये. पश्चात जुलाई माह में आये विद्युत बिलों में विद्युत दरें काफी भारी भरकम थी. जिसे लेकर राज्य के नागरिकों में जबर्दस्त रोष व संताप की लहर व्याप्त हो गयी.
वहीं भाजपा तथा मनसे सहित कई विपक्षी दलों ने इन विद्युत बिलों के संदर्भ में सरकार को जमकर आडे हाथ लिया. जिसके चलते उर्जा मंत्री डॉ. राउत की अध्यक्षता में मुंबई में एक बैठक बुलायी गयी. जिसमें महावितरण, महापारेषण व महाजेनको इन तीनों कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. जिन्हें डॉ. राउत ने भारीभरकम विद्युत बिलों में कम से कम १०० यूनिट बिजली की रकम माफ करने को लेकर प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया. जिस पर बताया गया कि, यूनिट माफी का प्रस्ताव तैयार करने के बावजूद विद्युत नियामक आयोग की अनुमति के बिना उस पर अमल करना संभव नहीं होगा और आयोग के सामने इस प्रस्ताव पर सुनवाई होगी. साथ ही आयोग की अनुमति के बिना विद्युत दरों को घटाने या बढाने का अधिकार कानूनी तौर पर महावितरण के पास नहीं है. इस संदर्भ में एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस बैठक में उर्जा मंत्री ने १०० यूनिट तक के बिल को पूरी तरह माफ करने ३०० यूनिट वाले बिलों में ५० प्रतिशत रकम माफ करने तथा ५०० यूनिटवाले बिलों में २५ प्रतिशत रकम माफ करने का निर्देश दिया है. साथ ही विद्युत लिकेज व विद्युत चोरी का प्रमाण कम करते हुए अतिरिक्त खर्चों में कटौती करके बिल माफी की वजह से होनेवाले नुकसान को पूरा करने का निर्देश भी दिया है.