मुंबई में भाजपा-सेना कार्यकर्ता भिडे, जमकर हुई मारपीट
भाजपा ने शिवसेना भवन पर निकाला था फटकार मोर्चा
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राम जन्मभुमि मंदिर को लेकर शिवसेना की भुमिका का किया जा रहा था विरोध
मुंबई/दि.16 – अयोध्या में बननेवाले राम मंदिर के भुसंपादन को लेकर शिवसेना द्वारा लगाये जा रहे तमाम आरोप झूठे व फर्जी है. ऐसा दावा करते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा की मुंबई ईकाई द्वारा दादर स्थित शिवसेना भवन पर फटकार मोर्चा निकाला गया. वहीं शिवसेना के विधायक सदा सरवणकर कई शिवसैनिकों के साथ सेना भवन परिसर में पहले ही पहुंच चुके थे और दोनों ही पार्टियों के नेता व कार्यकर्ता आमने-सामने होते ही दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट होनी शुरू हो गयी. हालांकि इस दौरान हालात पर काबू पाने हेतु सेना भवन परिसर में पुलिस का कडा बंदोबस्त लगाया गया था. किंतु हालात इतने अधिक तनावपूर्ण हो गये थे कि, पुलिस स्थिति पर काबू नहीं पा सकी.
बता दें कि, शिवसेना की ओर से कहा गया था कि, राम जन्मभुमि पर बनने जा रहे मंदिर के लिए पूरी दुनिया से सैंकडों करोड रूपयों की निधी आ रही है. ऐसे में प्रभू रामचंद्र के नाम पर एक रूपये का भी घोटाला नहीं होना चाहिए. ताकि रामभक्तों की श्रध्दा किसी भी तरह से आहत न हो. साथ ही यह भी कहा गया कि, श्री रामजन्मभुमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट में सभी सदस्य भाजपा से संबंधित है और शिवसेना के किसी भी नेता को इसमें बतौर सदस्य शामिल नहीं किया गया है. वहीं अब जमीन की खरीदी-बिक्री के व्यवहार में कई संदेहास्पद मामले सामने आ रहे है. अत: सच-झूठ को लेकर ट्रस्ट द्वारा स्पष्टीकरण जारी किया जाना चाहिए. इससे पहले आम आदमी पार्टी के विधायक संजय सिंह द्वारा राम मंदिर के लिए भूखंड खरीदने में घोटाला होने का आरोप लगाया गया था. लगभग वहीं बात शिवसेना की ओर से दोहरायी गयी. जिसे पूरी तरह से फर्जी व झूठे आरोप बताते हुए भाजयुमो के मुंबई अध्यक्ष तेजींदरसिंह तिवाणा के नेतृत्व में सेना भवन पर फटकार मोर्चा निकाला गया था. जिसका शिवसैनिकों द्वारा जमकर विरोध किया गया और इस समय पैदा हुए तनावपूर्ण हालात की वजह से दोनों पार्टीयों के नेताओं के बीच जबर्दस्त मारपीट भी हुई.
इस घटना के बाद राज्य के सत्ता पक्ष व विपक्ष में जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. जिसके तहत विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेता ने इसे सरकार की ओर से पुलिस का सहारा लेकर लोगों की आवाज दबाने का प्रयास कहा. वहीं शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने भाजपा पर स्टंटबाजी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि, यदि राम मंदिर के लिए भूखंड खरीदी में किसी तरह की कोई गडबडी नहीं हुई है, तो केंद्र व उत्तर प्रदेश में सरकार चलानेवाली भाजपा ने मामले की जांच करवानी चाहिए और जांच से घबराना नहीं चाहिए.