BJP को देश में एकता पसंद नहीं ये शरद पवार ने 25 साल पहले कहा था
हमें अब समझ आया कि सही कहा था: संजय राउत
मुंबई दी ११ –महाविकास आघाडी की ठाकरे सरकार और बीजेपी के बीच अक्सर आरोप-प्रत्यारोप होते रहते हैं.संसद के शीत सत्र के दौरान अलग-अलग मुद्दों पर केंद्र की मोदी सरकार पर विपक्षी नेताओं की ओर से लगातार कटाक्ष किए जा रहे हैं. संजय राउत ( ने भी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि 25 साल पहले शरद पवारने कहा था कि बीजेपी को देश में एकता बनी रहे, यह पसंद नहीं है. यह बात अब समझ आई है कि उन्होंने सही कहा था.एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भाषणों का संग्रह मुंबई में प्रकाशित हुआ. इस कार्यक्रम में कई मान्यवर उपस्थित थे. इस मौके पर संजय राउत ने बीजेपी पर जोरदार निशाना साधा. उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह किताब पीएम नरेंद्र मोदी को भेजी जानी चाहिए.
यह किताब पीएम नरेंद्र मोदी की भेजी जानी चाहिए
संजय राउत ने कहा कि, ‘आपकी किताब का कवर भगवा रंग का है. इसके लिए हम आपके आभारी हैं. यह सरकार पूरी तरह एक रंग में रंग गई है. इस किताब को पीएम नरेंद्र मोदी को भेजना चाहिए. महाराष्ट्र हमेशा से ही पूरे देश को विचार देता हुआ आया है. विजन देता हुआ आया है. शरद पवार के 61 भाषणों के संकलन से सजी हुई यह किताब पीएम मोदी को दी जाए.’आगे संजय राउत ने कहा कि, ‘अपने देश में जो विकृत राजनीति शुरू है, उसकी आशंका शरद पवार ने 25 साल पहले ही अपने भाषणों द्वारा जताई थी. बीजेपी को देश में एकता नहीं चाहिए, यह उन्होंने 25 साल पहले ही कहा था. हमें दो साल पहले समझ आया कि उन्होंने सही कहा था. शरद पवार तब से ही लगातार यह कहते हुए आ रहे हैं कि बीजेपी देश को तोड़ने की राजनीति करती है. बीजेपी देश को विपरीत दिशा में ले जा रही है. पवार ने यह 1996 में कहा था, हमें आज उनकी यह बात सही साबित होती हुई दिखाई दे रही है.’
‘इसलिए शरद पवार को उठ कर कुर्सी पेश की’
कुर्सी उठा कर शरद पवार को देने से जुड़ी खबर वायरल होने के मुद्दे पर संजय राउत ने कहा कि, ‘इस बीच दिल्ली में शरद पवार को बैठने के लिए मैंने कुर्सी पेश की, इस पर मेरी खूब खिल्ली उड़ाई गई. लेकिन उन्हें कुर्सी क्यों दी, अगर यह किसी को समझना है तो उन्हें यह किताब पढ़नी चाहिए. कटाक्ष करने वालों को समझ आएगा कि मेरे जैसे सामान्य पत्रकार ने शरद पवार को कुर्सी क्यों दी. उनमें वो बात है. उन्होंने वो मुकाम बनाया है, वो इज्जत बनाई है. इसलिए आदर के साथ हमने उनके लिए कुर्सी आगे बढ़ाई है.’