महाराष्ट्र

भाजपा 24 को करेगी राज्य में जेल भरो आंदोलन

किसानों और घरेलू ग्राहकोें के बिजली कनेक्शन काटने के विरोध में

  • पार्टी प्रदेश महासचिव बावनकुले (Chandrasekhar Bawankule) ने दी जानकारी

मुंबई/दि.18 – किसानों और घरेलू ग्राहकों के बिजली कनेक्शन काटने के विरोध और लॉकडाउन के समय बढे हुए बिजली बिलोें की राशि कम करने की मांग को लेकर भाजपा 24 फरवरी को प्रदेशभर जेल भरो आंदोलन करेगी. पार्टी के प्रदेश महासचिव तथा पूर्व उर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को यह जानकारी दी.
बावनकुले ने प्रदेश कार्यालय में कहा कि राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के विधायक और सांसद उन किसानोें के घर जाकर ज्ञापन लेंगे, जिनके बिजली कनेक्शन काटे गए हैं. 23 फरवरी को हर विधानसभा क्षेत्र में जेल भरो आंदोलन होगा. यह महाराष्ट्र के इतिहास का सबसे बडा आंदोलन होगा. बावनकुले ने कहा कि सरकार के मंत्रियों ने अपने बंगले और दफ्तरों के नविनीकरण पर जितने पैसे खर्च किए हैं, उतने पैसोें से 100 यूनिक तक के ग्राहकोें के बिल माफ हो सकते थे. उन्होेंने कहा कि सरकार को 100 से 300 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करनेवाले ग्राहकोें को राहत देने के लिए 5 हजार करोड और किसानों को बिजली बिल में सहूलियत देने के लिए 4 हजार 500 करोड रूपए लगेंगे. बिजली कंपनियों के जरिए विद्युत शुल्क के रूप में सरकार के पास हर साल 9 हजार 500 करोड रूपए जमा होते हैं. सरकार इस राशि से ग्राहकों और किसानों को राहत दे सकती है.

तब पवार ने की थी बिजली बिल न भरने की अपील

बावनकुले ने कहा कि मैं जब उर्जा मंत्री था, तब राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने एक सभा में कहा था कि, किसान बिजली बिल न भरें. अब मेरा राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से आग्रह है कि वे राकांपा नेतृत्व के इस बयान को न भूले. सरकार बिजली ग्राहकों को राहत देने के लिए ठोस फैसला करे.

मनसे कार्यकर्ताओं ने की बिजली कार्यालय में तोडफोड

मुंबई- बिजली का बिल न भरने पर मनसे के करावे इलाके के शाखा अध्यक्ष नरेश कुंभार के घर की बिजली काट दी गई. इससे नाराज महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को महावितरण के ऑफिस में तोडफोड कर दी. मामला नवी मुंबई के नेरूल इलाके का है. पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ महावितरण के ऑफिस में पहुंचे कुंभार ने सवाल किया कि बिजली काटने से पहले उन्हेें फोन पर जानकारी क्योें नहीं दी गई? जवाब में वहां मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि वे चार दिन पहले ही घर पर गए थे. उन्हें अगले दिन बिल भरने का आश्वासन दिया गया था. दो दिन और इंतजार के बाद कर्मचारी घर पर गए और पूछा कि क्या बिजली का बिल भरा गया है. इनकार करने पर बिजली काटी गई. खबर लिखे जाने तक पुलिस आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की प्रक्रिया में जुटी हुई थी.

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