मुंबई/दि.२ – महाराष्ट्र भाजपा ने मंगलवार को राज्य सरकार को पूर्व छात्र नेता शारजील उस्मानी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. बीजेपी नेताओं की ओर से दायर शिकायत के अनुसार, उस्मानी ने शनिवार को पुणे में एल्गार परिषद के सम्मेलन में कथित रूप से हिंदू समुदाय पर विवादित टिप्पणियां कीं.
बीजेपी विधायक राम कदम ने मंगलवार को कहा, 3 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक हिंदू धर्म और हिंदू समाज का अपमान करने वाले एल्गार परिषद के नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. महाराष्ट्र सरकार उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है? अगर सरकार अगले 48 घंटों में कोई कदम नहीं उठाती है, तो हमें सड़कों पर उतरना होगा और आंदोलन करना होगा क्योंकि हिंदू समाज अपमान नहीं सहेगा. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को कहा था कि सरकार एल्गार परिषद 2121 में दिए गए भाषणों की जांच करेगी, अगर कोई आपत्तिजनक चीजें पाई जाती हैं, तो उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी. मैं इस बारे में अधिक टिप्पणी नहीं कर सकता क्योंकि जांच जारी है.
31 जनवरी को बीजेपी की राज्य इकाई के प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने मांग की थी कि राज्य सरकार अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र नेता के खिलाफ कार्रवाई करे. पिछले साल उस्मानी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने सीएए बिल के विरोध के बाद एएमयू में हुई झड़पों में उसकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था.
इस साल एल्गार परिषद 2021 का आयोजन 30 जनवरी को पुणे में भीमा कोरेगांव शौर्य दिवस प्रेरणा अभियान द्वारा आयोजित किया गया था. अरुंधति रॉय, पूर्व आईएएस अधिकारी कानन गोपीनाथन, पत्रकार प्रशांत कनौजिया, लातूर के दलित कार्यकर्ता सत्यबामा सूर्यवंशी, सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश कोलसेपाटिल और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एसएम कुश्रीफ इस कार्यक्रम में वक्ता थे.
भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा के राज्य सचिव एडवोकेट प्रदीप गावड़े ने सोमवार को पुणे के स्वारगेट पुलिस स्टेशन में शिकायत की. उन्होंने उस्मानी के खिलाफ धारा 153 (ए), 295 (ए) और 124 (ए) के तहत उनके आपत्तिजनक और भड़काऊ भाषण के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की.