महाराष्ट्र

रेमडेसिविर की कालाबाजारी का भंडाफोड़

12 लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

मुंबई/दि. २३ – महाराष्ट्र समेत पूरे देश में कोरोना वायरस अपने पैर लगातार बड़ी तेजी से फैला रहा है. एक बार फिर महाराष्ट्र पूरे देश में कोरोना वायरस का एक एपिक सेंटर बना हुआ है और सबसे ज्यादा मामले यहीं आ रहे हैं. ऐसे में जहां मरीजों के परिजन सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ दवाइयों की भी कालाबाजारी अपने जोरों शोर पर है.
पूरे महाराष्ट्र में इस समय दवाई रेमेडीसीवर की भारी किल्लत है. यही वजह है कि मुंबई समेत राज्य के सभी बड़े शहरों, गांव और जिलों में हर जगह डॉक्टर कोरोना वायरस के मरीजों के परिजनों से सिर्फ और सिर्फ रेमेडीसीवर की ही मांग कर रहे हैं.
हालात ऐसे हैं कि बाहर अब एक रेमेडीसीवर के एक भी इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं. इसी का फायदा उठा रहे हैं कालाबाजारी करने वाले लोग. महाराष्ट्र के जलगांव में पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 14 रेमेडीसीवर के इंजेक्शन मिले हैं.

पुलिस का मानना है कि यह सभी आरोपी रेमेडीसीवर की जमाखोरी कर रहे थे और महंगे दामों में जरूरतमंदों को बेच रहे थे. पुलिस का यह भी दावा है कि यह सभी लोग के पास और भी रेमेडीसीवर के इंजेक्शन हो सकते हैं और उससे पूछताछ की जा रही है. बता दें कि इस समय पूरे महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मांग रेमेडीसीवर इंजेक्शन की है, जो आसानी से नहीं मिल पा रहे हैं. प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर सभी कोरोना मरीजों के परिजनों से सिर्फ रेमेडीसीवर इंजेक्शन की मांग कर रहे हैं. इसी का फायदा यह लोग उठा रहे हैं, जो रेमेडीसीवर के इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हैं और जरूरतमंदों को महंगे दामों में बेचा करते हैं.
पुलिस ने इन सभी को धारा 420 और 120 के तहत अपराध करने के मामले में गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से 14 रेमेडीसीवर के इंजेक्शन और 12 फोन जब किए हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि रेमेडीसीवर की जमाखोरी इस समय काफी बड़ा अपराध है, क्योंकि कुछ मरीज ऐसे हैं जिन्हें यह इंजेक्शन न मिलने की वजह से उनकी मौत भी हो रही है. पुलिस अब जब्त किए रेमेडीसीवर इंजेक्शन को एफडीए को दे देगी, ताकि जरुरतमंदों की यह दवाई मिल सके.

Related Articles

Back to top button