मुंबई/दि. 21– बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को तगडा झटका देते हुए नागरिकों के समानता और अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन बताकर सूचना तकनीकी नियम में गठीत फैक्ट चेक यूनिट को बर्खास्त कर दिया. यह यूनिट समाज माध्यमों पर जारी संदेशो और कंटेंट के झूठे, गलत और गुमराह करनेवाले होने का पता लगाने स्थापित की गई थी. कोर्ट ने इसे अवैध करार दिया.
न्या. ए. एस. चांदूरकर ने एफसीयू को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि, इसकी कोई आवश्यकता नहीं है. सूचना, तकनीक कानून में पर्याप्त नियम और कायदे हैं. न्या. चांदूरकर ने इस प्रकरण में गत जनवरी माह में दिए गए खंडपीठ के निर्णय में टाईब्रेकर की भूमिका पूर्ण की. न्या. चांदूरकर ने न्या. पटेल की तरह एफसीयू को असंवैधानिक बताया और कहा कि, यह अधिकांशत: मनमाना लग रहा है. न्या. पटेल का फैसला गत 31 जनवरी को घोषित हुआ था. उन्होंने भी एफसीयू को असंवैधानिक बताया था. एफसीयू को प्रदत्त बेहिसाब अधिकारों का भी फैसले में उल्लेख था.