बजट सत्र छह सप्ताह का होना चाहिए
पुर्व वित्त मंत्री व भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार (Sudhir Mungantiwar) ने कहा
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कोरोना के फैलाव से बजट सत्र पर संकट
मुंबई/दि.23 – कोविड-19 महामारी के एक बार फिर से सिर उठाने से 1 मार्च से शुरू होनेवाले विधान मंडल बजट सत्र पर संकट मंडराने लगा है. सरकार बजट सत्र के दिनों में कटौती कर सकती है. इस बीच सोमवार को पूर्व वित्त मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि, बजट सत्र छह सप्ताह का होना चाहिए. बजट को दो दिन में मंजूर कराना ठीक नहीं होगा. उन्होंने कहा कि हम मांग करेंगे कि यदि सरकार को बजट सत्र की अवधि कम करना है तो वह लेखानुदान मांग पेश करे और पूरा बजट जुलाई के सत्र में पेश किया जाए. वे यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
वरिष्ठ भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि कैबिनेट में दो बार विदर्भ-मराठवाडा विकास महामंडल के विस्तार का प्रस्ताव आया, लेकिन सरकार ने इसे मंजूर नहीं किया. वर्ष 1984 में स्थापित विदर्भ-मराठवाडा वैधानिक विकास महांडल का कार्यकाल बीते 30 अप्रैल 2020 को समाप्त हो चुका है. जिसे बढाने के लिए सरकार को मंजूरी देनी चाहिए. सरकार पिछले एक साल से इस पर बार-बार विचार करने की बात कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार विदर्भ और मराठवाडा की जनता के साथ अन्याय कर रही है. मुनगंटीवार ने पिछले दिनोें वैधानिक विकास महामंडल का कार्यकाल बढाने की मांग को लेकर राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी.
राज्य में कोरोना के बढते प्रभाव को देखते हुए सरकार दो सप्ताह का बजट सत्र आयोजीत करना चाहती है. पिछले 18 फरवरी को कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में फिलहाल एक सप्ताह का कामकाज ही तय किया गया है. 25 फरवरी को दोबारा कामकाज सलाहकार समिती की बैठक का आयोजन किया गया है. विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेेंद्र फडणवीस कह चुके है कि सरकार की मंशा अधिक दिनों तक अधिवेशन चलाने की नहीं है. हमने चार सप्ताह तक अधिवेशन चलाने की मांग रखी है. उन्होंने कहा था कि बैठके भरपूर हो रही है, लेकिन अधिवेशन लंबा चलेगा, इस पर संदेह है.
लेखानुदान की मांग चुनाव वर्ष में पेश होती हैं
बता दें कि आमतौर पर चुनाव वर्ष में सरकार लेखानुदान मांग पेश करती है. लेखानुदान मात्र राजस्व और खर्चों का लेखा जोखा होता हैं. इसमें तीन या चार महिनों के लिए सरकारी कर्मियों के वेतन, पेन्शन और अन्य सरकारी कार्यों के लिए राजकोष से धन लेने का प्रस्ताव होता है. ऐसा इसलिए है कि संविधान के मुताबिक राजकोष से धन निकालने के लिए विधानमंडल की मंजूरी आवश्यक है. लेखानुदान के तहत सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं करती है.
सरकार बजट अधिवेशन रद्द करना चाहती है
– भाजपा नेताओं ने लगाया आरोप
विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण देरेकर ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार कोरोना संक्रमण बढने के नाम पर विधानमंडल अधिवेशन से भाग रही है. ऐसा लग रहा है कि महाविकास आघाडी सरकार बजट अधिवेशन रद्द करना चाहती है. दरेकर ने कहा कि राज्य में सभी क्षेेत्रों में अस्थिरता का वातावरण है. लोग परेशान हैं. सरकार कोरोना संक्रमण भी नहीं रोक पा रही है और चर्चा से भी बचना चाह रही है. पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक गिरीश महाजन ने भी सरकार पर आरोप लगाया है कि कोरोना के नाम पर विधानमंडल सत्र आयोजीत करने से बचना चाहती है. उन्होंने कहा कि आखिर सरकार विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर इतना डर क्यों रही है? महाजन ने कहा कि सरकार दावा करती है कि उसके पास भारी बहुमत हैं तो वह विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराने से क्योें डर रही है? भाजपा नेता ने कहा कि सत्ताधारी दलों के नेता हजारों लोगों की सभा कर रहे हैं पर कोरोना के नाम पर अधिवेशन नहीं करना चाहते.
‘विधानमंडल कोरोना’ से सावधान
मनसे प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने कहा कि सरकार बजट सत्र अधिवेशन टालने के लिए राज्य में फिर से कोरोना का हौवा खडा कर रही है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सावधान कोरोना का नया स्ट्रेन आया है. जिसका नाम विधानमंडल कोरोना है. यह शरीर पर कम स्वतंत्रता को अधिक प्रभावित करता है.
मनसे भ्रम न फैलाए
प्रदेश राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने मनसे नेता के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि यह कहना गलत होगा कि लॉकडाउन का डर दिखाकर बजट सत्र टालने की योजना है. उन्होंने कहा कि महाविकास आघाडी सरकार को लोगों के सेहत की चिंता है. मनसे को लोगों को भ्रमित करनेवाले बयान नहीं देने चाहिए.