मुंबई/दि.9- अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना की एक और बडी बाधा उस समय दूर हो गई जब बंबई हाईकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण को लेकर गोदरेज एण्ड बॉयस कंपनी की याचिका ठुकरा दी. न्यामूर्ति आर.डी. धानुका तथा न्यायमूर्ति एम.एम. साठे की खंडपीठ ने गोदरेज की अर्जी खारिज करते हुए मान्य किया कि यह परियोजना राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है. उल्लेखनीय है कि गोदरेज कंपनी ने 15 सिंतबर 2022 के भूमि अधिग्रहण संबंधी आदेश को कोर्ट में चुनौती दी थी. जबकि सरकार ने कंपनी को पहले ही 264 करोड रुपए क्षतिपूर्ति के दे दिए.
अदालत में पूर्व महाधिक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने स्पष्ट कर दिया कि, गोदरेज कंपनी को छोडकर परियोजना हेतु आवश्यक भूसंपादन पूर्ण हो गया है. ऐसे ही कंपनी के किसी भी मूलभुत अधिकार का उल्लंघन नहीं हुआ है. इसलिए अर्जी खारिज करने की मांग उन्होंने की. अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल सिंह ने भी युक्तिवाद किया. उन्होंने अदालत को बताया कि गुजरात में इस प्रकल्प का संपूर्ण जमीन अधिग्रहण हो गया है. महाराष्ट्र में भी 97 प्रतिशत भूसंपादन हो गया है. गोदरेज नाहक अडंगा लगा रहा है. इससे प्रकल्प में विलंब होकर उसकी लागत बढने की आशंका हो गई है. कोर्ट ने फैसले में कहा कि निजी हित की बजाए जनहित को महत्व दिया जाना चाहिए. इसलिए गोदरेज की अर्जी ठुकराई जाती है.