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* सरकार ने सख्ती करने पर आंदोलन की चेतावनी
मुंबई/ दि. 22– सुबह का यातायात जाम होने से शाला की बस गाडियां चलाना कठिन होने का कहकर स्कूल बस चालकों की ओर से पांचवी तक की क्लास 9 के बाद भरने के निर्णय का तीव्र विरोध किया गया है. राज्य सरकार की ओर से सख्त नीति अपनाने की आंदोलन की चेतावनी बस चालक संगठन ने दी है.
मुंबई में अनुदानित निजी शाला में लगभग 80 प्रतिशत विद्यार्थी शाला में आने जाने के लिए निजी बस अथवा व्हॅन रिक्षा का उपयोग करते हैं. सुबह के समय का यातायात जाम होने से छोटे बच्चों की भी परेशानी होगी. इस ओर बस चालक का भी ध्यान गया है.
शाला के समय के संबंध में सख्ती किए जाने पर बस चालक का भी आर्थिक नुकसान होगा. वह पालक को ही सहन करना पडेगा. पांचवी तक की क्लास 9 के बाद भरने का निर्णय पीछे लिया जाए. अन्यथा आंदोलन करना पडेगा. ऐसी चेतावनी स्कूल बस ओनर्स एसोसिएशन के (एसबीओए ) अनिल गर्ग ने दी है.
* आर्थिक नुकसान कैसे ?
– बस गाडियों की संख्या बढाने पर ही बस चालकों की फेरिया बढना संभव होगा.बस गाडिया बढी तो चलाने के लिए मनुष्य बल की आवश्यकता होगी उदाहरण चालक, सहयोगी, महिला सहयोगी बढाना पडेगा.
– इसके अलावा इंधन खर्च बढेगा वो अलग. जिसके कारण फेरियों की संख्या बढाना बस चालको को अधिक आर्थिक नुकसान सहन करना पडेगा. बस चालक यह खर्च पालकों से लेगा. जिसके कारण यातायात सेवा में खर्च अधिक होगा.
* बस चालकों का विरोध क्यों ?
– मुंबई, पुणे, ठाणे जैसे शहर में कार्यालय में जानेवालों की भीड के कारण सुबह 8 के बाद यातायात बढता है. उससे पहले ही शाला की बस गाडियां पहले सत्र के बच्चों को शाला में पहुंचाती है. जिनके कारण उन्हें यातायात जाम होने का सामना नहीं करना पडता.
– दोपहर को बस गाडियां दोपहर के सत्र के बच्चों को शाला में लेकर आते है. जिसके कारण जाम यातायात कम हो गया है. इसी गाडी से पहले सत्र के बच्चों को शाला से घर छोडा जाता है. जिसके कारण बसगाडियों की फेरिया बचती है.