‘ सीए ’ अभ्यासक्रम होगा आठ महीने से कम
शिक्षा पद्धति बदलने का प्रस्ताव ; स्टायपेंड की रकम भी होगी दोगुना
पुणे/दि.4- सनदी लेखापाल (सीए) अभ्यासक्रम की शैक्षणिक पद्धति में आमूलाग्र परिवर्तन प्रस्तावित किए जाने के साथ ही इसके अनुसार सीए अभ्यासक्रम की कुल कालावधि आठ महीने से कम होने वाली है. इसी तरह आर्टिकलशिप की कालावधि भी दो वर्ष करने बाबत एवं स्टायपेंड की रकम दोगुनी करने का भी प्रस्तावित किया गया है. इस बदलाव का मसुदा गुरुवार की रात प्रकाशित किया गया. वहीं इस पर 30 दिनों में सूचना करने का आवाहन इंडियन चार्टर्ड अकाउंटंट्स ऑफ इंडिया (आयसीएआय) की ओर से बताया गया है.
आयसीएआय के वेस्टर्न इंडिया रिजनल कौन्सिल की ओर से (डब्ल्युआयआरसी) आयोजित दो दिवसीय 36 वें विभागीय परिषद निमित्त आयसीएआय के उपाध्यक्ष सीए अनिकेत तलाठी पुणे में आये थे.इस समय केंद्रीय समिति के सदस्य सीए चंद्रशेखर चितले उपस्थित थे. देश के ग्रामीण भाग के विद्यार्थियों ने भी सीए का अभ्यासक्रम पूर्ण कर, स्थानीय परिसर में सफल सीए होने की दृष्टि से आयसीएआय कार्यरत है. नये शैक्षणिक नियोजन का अनुसरण कर सीए के अभ्यासक्रम में बदल करने की कार्यवाही शुरु है. जिसके चलते सीए की परीक्षा आर्टिकलशिप होने के पश्चात 6 महीने बाद विद्यार्थी दे सकेंगे. इन 6 महीनों में विद्यार्थी को तैयारी करनी पड़ेगी. एखाद को स्वयं की प्रैक्टिस करनी हो तो उसे तीन वर्ष आर्टिकलशिप करनी पड़ेगी. पश्चात एक वर्ष बाद परीक्षा दे सकेंगे. मात्र एखाद कंपी में सीए के रुप में नौकरी करनी हो तोदो वर्ष आर्टिकलशिप ग्राह्य मानी जाएगी. इंटरमिजिएट एवं अंतिम परीक्षा में विषयों की संख्या कम की जाएगी. इनमें से कुछ विषय ई-लर्निंग पद्धति से सिखाये जाएंगे. पश्चात ऑनलाईन पद्धति से उसकी परीक्षा ली जाएगी. इस बदलाव के कारण अंतिम परीक्षा में दो ग्रुप में प्रत्येकी चार की बजाय तीन विषय रहेंगे. इसलिए कुल 6 विषय रहेंगे, यह जानकारी भी तलाठी ने दी.
इस तरह होगा स्टायपेंड (रुपयों में)
शहरों के गट
20 लाख से अधिक लोकसंख्या वाला शहर
पांच लाख से 20 लाख लोकसंख्या वाला शहर
पांच लाख से कम लोकसंख्या वाला शहर
प्रथम वर्ष द्वितीय वर्ष तृतीय वर्ष
4000 5000 6000
3000 4000 5000
2000 3000 4000
राष्ट्रीय शैक्षणिक नियोजन का समावेश
नये बदलाव के अनुसार सीए अभ्यासक्रम में अंतर्राष्ट्रीय मानको का वहीं राष्ट्रीय शैक्षणिक नियोजन का समावेश किया गया है. इसका अनुसरण कर ऑप्शननल विषय के रुप में राज्यघटना विषय का समावेश किया गया है. नये अभ्यासक्रम में प्रात्यक्षिक पर आधारित बदल पर अधिक जोर दिया गया है. देश में सीए अभ्यासक्रम पूर्ण करने वालों को विश्व के रोजगार के अवसर उपलब्ध होने हेतु प्रयास किया गया है. फिलहाल विश्व बदल के कारण सीए की मांग बड़े पैमाने पर बढ़ी है. लेकिन इसके प्रमाण में सीए उपलब्ध नहीं होने की जानकारी तलाठी ने दी.