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पुरंदरे के विचारों का नहीं कर सकता समर्थन

राज ठाकरे के आरोपों पर शरद पवार का जवाब

मुंबई/दि.13– मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने गत रोज ठाणे में एक सभा को संबोधित करते हुए राकांपा अध्यक्ष शरद पवार सहित राकांपा नेताओं की जमकर आलोचना की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि, महाराष्ट्र सबसे पहले छत्रपति शिवाजी महाराज का है. किंतु शरद पवार द्वारा कभी भी छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम नहीं लिया जाता. जिसे लेकर अब राकांपा प्रमुख शरद पवार ने जवाब देते हुए कहा कि, वे दो दिन पहले ही अमरावती के दौरे पर थे. जहां पर छत्रपति शिवाजी महाराज के योगदान को लेकर उन्होंने कम से कम 25 मिनट तक अपने विचार व्यक्ति किये. किंतु शायद कुछ लोगों ने उनका वह भाषण सुना नहीं होगा. अत: वे बेवजह की बात कर रहे है. साथ ही शरद पवार ने यह तंज भी कसा कि, अपने आसपास कौन क्या कह रहा है और कर रहा है, यह पता रहने के लिए सुबह उठकर अखबार पढना पडता है. पर इसके लिए सुबह जल्दी उठने की आदत भी होनी चाहिए.
साथ ही इसके अलावा शरद पवार ने कहा कि, महाराष्ट्र में शिव छत्रपति से संबंधित विस्तृत वृत्त काव्य के जरिये महात्मा ज्योतिबा फुले द्वारा लिखा गया. साथ ही छत्रपति शाहु महाराज व डॉ. बाबासाहब आंबेडकर भी छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति आस्था रखते थे. वहीं शिवशाहीर कहलानेवाले बाबासाहब पुरंदरे ने शिवछत्रपति का उल्लेख करते समय यह जानकारी गलत दी गई कि, राजमाता जीजाऊ की बजाय दादाजी कोंडदेव द्वारा शिवछत्रपति के व्यक्तित्व का विकास किया गया. जबकि हकीकत यह है कि, शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व को राजमाता जीजाऊ ने बडी मेहनत व परिश्रम से आकार दिया था. ऐसे में बाबासाहब पुरंदरे द्वारा प्रस्तुत किये गये विचारों का मैने पहले ही विरोध किया था और यह विरोध आज भी कायम है. इसके अलावा शरद पवार ने यह भी कहा कि, आज राज्य सहित देश के समक्ष महंगाई और बेरोजगारी जैसी अनेकों समस्याएं है. किंतु इन पर चर्चा करने की बजाय हमारे नेताओं को जाती व धर्म आधारित मामलों से जुडी बातें उछालने में मजा आ रहा है.

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