महाराष्ट्र

150 ग्रामीण रुग्णालयों में कर्करोग निदान

मुंबई/9 मार्च – देश में व महाराष्ट्र के ग्रामीण भाग में कैंसर के मरीजों की संख्या बड़े पैमाने पर बढ़ते जा रही है. इन मरीजों का उचित समय पर निदान कर कैंसर की रोकथाम के लिये स्वास्थ्य विभाग ने एक महत्वाकांक्षी योजना बनायी है. इसके अंतर्गत करीबन 150 ग्रामीण रुग्णालयों में स्तन, मुख व गर्भाशय के कर्करोग के निदान की व्यवस्था की जायेगी.
महाराष्ट्र में प्रमुख रुप से ग्रामीण भाग में तंबाखू के सेवन के कारण पुरुष एवं महिलाओं में मुंह का कर्करोग बड़ी संख्या में बढ़ा है. वहीं स्तन और गर्भाशय के कैंसर का प्रमाण भी देश व राज्य में सर्वाधिक है. स्वास्थ्य विभाग ने 2017 से कैंसर की बीमारी पर उपचार का काम चरणबध्द तरीके से करने की शुरुआत की है. कुछ जिला अस्पतालों में केमोथेरपी व्यवस्था की गई है. वहीं टाटा कैन्सर हॉस्पिटल के सहयोग से कैंसर वॉरियर्स संकल्पना के माध्यम से कुछ हजार कैंसर मरीजों पर शस्त्रक्रिया भी किये जाने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के ज्येष्ठ डॉक्टरों ने दी.
शहरी भागों के मरीजों में जो जागरुकता व स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध रहती है,वैसी ग्रामीण भाग में कम पैमाने पर होने के कारण अनेक बार आखरी चरण में कर्करोग होने की बात मरीजों के ध्यान में आती है.ऐसे मरीजों पर उपचार करना एक आव्हान साबित होता है. इस कारण समय पर कर्करोग का निदान हो, इसके लिये स्वास्थ्य विभाग व्दारा करीबन 150 ग्रामीण अस्पतालों में कर्करोग निदान केंद्र शुरु करने की योजना बनाई गई है. इसके लिये सभी 150 रुग्णालयों में स्तन, गर्भाशय व मुंह के कर्करोग का निदान करने वाली यंत्रणा लागू की जायेगी. इसमें सोनोग्राफी मशीन में ब्रेस्ट प्रोब, बायोप्सी सुविधा, हिस्टोपॅथॉलॉजी सुविधा दी जायेगी. वहीं यहां के कर्मचारियों को इसके लिये आवश्यक प्रशिक्षण दिया जायेगा. 12 करोड़ रुपए खर्च की यह योजना होकर इसे अमल में लाये जाने के कारण ग्रामीण भागों के कर्करोग के मरीजों का समय पर निदान होगा. वहीं उपचार की व्यवस्था भी की जायेगी.

  • विश्व स्वास्थ्य संगठना के एक अहवालनुसार भारत में करीबन साढ़े बारह लाख नये मरीज पाये गये हैं.
  • करीबन 8 लाख लोगों की कैंसर से मृत्यु हुई है. फिलहाल देश में 25 लाख मरीजों पर उपचार जारी है.
  • इंडियन इन्स्ट्यिुट ऑफ हेल्थ मेनेजमेंट रिसर्च की रिपोर्ट नुसार देश में तेजी से बढ़ने वाला कैंसर के मरीजों की संख्या को देखते हुए और 550 कर्करोग उपचार केंद्र की आवश्यकता है. पांच हजार कैंसर तज्ञों की आवश्यकता है.
  • 2020 में तंबाखू सेवन से करीबन सवा दो लाख पुरुष व 93 हजार महिलाओं को कर्करोग हुआ.
  • स्तन के कैंसर मरीजों की संख्या 1 लाख 65 हजार तो गर्भाशय के कैंसर के मरीजों की संख्या सवा लाख के करीब है.

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