महाराष्ट्र

1 जुलाई से प्लास्टिक पर बंदी

केंद्र की अधिसूचनानुसार राज्य सरकार का निर्णय

मुंबई/दि.14– एक बार ही इस्तेमाल की गई प्लास्टिक की वस्तुओं के उत्पादन, आयात, संचयन, यातायात, वितरण, बिक्री व इस्तेमाल करने पर राज्य में 1 जुलाई से पूरी तरह बंदी लगाई गई है. इसमें प्रमुख रुप से प्लास्टिक की थैलियां, थालियां, कटोरी, ग्लास, काटा, चमच्च, अन्न पदार्थ, मिठाई के पॅकेजिंग के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले प्लास्टिक का समावेश है.
केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार राज्य में एक बार ही इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक की वस्तुओं पर बंदी लगाने का निर्णय लिये जाने की जानकारी महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव अशोक शिनगारे ने दी. प्लास्टिक से निर्माण होने वाले अविघटनशील कचरे का समुद्री व वन्यजीव तथा मनुष्य के स्वास्थ्य पर विपरीत परिणाम होता है. प्लास्टिक कचरा शहर के नाले, गटर में अटकने से कई बार बाढ़ की स्थिति निर्माण हुई है. उस पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने 2006 में प्लास्टिक बंदी का कानून किया.
इस संदर्भ में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं वातावरणीय बदल मंत्रालय ने देश में एक बार री इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक की वस्तुओं का उत्पादन, संचयन,यातायात, बिक्री, आयात, वितरण व इस्तेमाल पर बंदी लगाने संबंधी 21 अगस्त 2021 को एक अधिसूचना प्रस्तुत की. राज्य में 1 जुलाई 2022 से उसे अमल में लाने के लिए महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने स्वतंत्र अधिसूचना निकाली है. बंदी लगाई जाने वाली वस्तुओं में सभी प्रकार की थैलियां (कॅरी बैग्ज), थालियां, कटोरी, ग्लास, काटे, चम्मच, छुरी, स्ट्रॉ, हवाई बलून के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक की डंडियां, प्लास्टिक ध्वज, मिठाई के बॉक्स, निमंत्रण पत्रिका, सिगरेट पॅकेट्स के पॅकेजिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली फिल्म, प्लास्टिक फलक, सजावट के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला थर्माकोल आदि वस्तुओं का समावेश है.
केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार राज्य की सभी प्लास्टिक वस्तुओं का उत्पादन,संचयन करने वाले, घाऊक विक्रेता,फेरीवाले, ई-कॉमर्स कंपनियां वहीं मॉल, बाजार, दुकान, संकुल, सिनेमागृह, पर्यटन स्थल, शाला, महाविद्यालय, अस्पताल आदि आस्थापना व सामान्य नागरिकों को प्लास्टिक वस्तु पर की बंदी बाबत सूचना दी गई है.

एक बार इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक की वस्तुओं पर राज्य सरकार ने इससे पूर्व 2018 में बंदी लगाने की अधिसूचना जारी की थी. जिसके अनुसार उसे अमल में लाया गया. जिसके चलते साल-डेढ़ साल में की गई कार्रवाई में करीबन 3 हजार टन प्लास्टिक की वस्तुएं जप्त की गई, 10 से 12 करोड़ रुपए दंड वसुल किया गया यह जानकारी महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव अशोक शिनगारे ने दी. लेकिन महाराष्ट्र में प्लास्टिक पर बंदी रहते हुए भी वह अन्य राज्य में नहीं थी. जिसके चलते अन्य राज्यों से प्लास्टिक वस्तु लाना व परराज्य में भेजना ऐसा चोरी का व्यापार, व्यवहार शुरु रहा. जिसके चलते अब इस बंदी का अपेक्षित परिणाम नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि अब संपूर्ण देश में ही प्लास्टिक की वस्तुओं के उत्पादन, बिक्री, यातायात, वितरण, आयात व इस्तेमाल पर बंदी लगाये जाने से इसका अच्छा असर होगा.

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