
* कंगाले परिसर की अविरत सेवा
धामणगांव रेलवे/दि.14– विगत 70 वर्षों से बिना बैलों के गाडी खींचने की परंपरा तहसील के जळका पटाचे इस गांव में कायम है. हनुमान जन्मोत्सव पर शनिवार को कंगाले परिवार के तीसरीं पीढी के सदस्यों ने 11 गाडियां खींची. तहसील के तीन हजार आबादी वाले जलका पटाचे गांव को किसान, खेतिहर मजदूरों के गांव के रूप में पहचाना जाता है. इस गांव में लक्ष्मीमाता व तेलंगामाता यह मंदिर एकदूसरे से लगकर है. गांव के प्रत्येक लोग इस मंदिर में पूजा किए बिना अपने दैनिक कामकाज की शुरुआत नहीं करते. विगत तीन पीढियों से कंगाले परिवार के सदस्य विरासत के अनुसार गाडी खींचने का काम करते है. हनुमान जयंती के पर्व पर दामाजी कंगाले गाडी खींचते है. इसके पूर्व उनके पिता इसी दिन गाडी खींचने का निरंतर कार्य करते थे. दामाजी ने उम्र के 70 साल तक गाडी खींची. उनके निधन के बाद अब दामाजी के बेटे पंडित विगत चार साल से वअपनी विराासत का जतन करते हुए गाडी खींचने का कार्य कर रहे है.
रात में यात्रा महोत्सव की होती है शुरुआत
हनुमान जयंती के पर्व पर जलका पटाचे यह गांव रोशनाई से प्रकाशमय होता है. लक्ष्मी और तेलंगामाता इन दोनों मंदिर में पुजारी पंडित कंगाले ने अभिषेक करने के बाद रात में यात्रा महोत्सव और गाडी खींचने की प्रक्रिया शुरु होती है. गांव में करीब एक किलोमीटर परिभ्रमण किया जाता है. इस गाडी में अनेक भाविक बैठते है. एक घंटे तक चलने वाले इस धार्मिक कार्यक्रम में तहसील के भक्तों की भारी भीड उमडती है. गांव में होने वाले लक्ष्मी व तेलंगामाता यात्रा महोत्सव को सफल बनाने के लिए सभी समाज के ग्रामवासी प्रयास करते है.