मुंबई दि.5 – बॉम्बे हाईकोर्ट में गर्भपात की अनुमति के लिए दायर होने वाली याचिकाएं बढ़ रही है. इसके चलते हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को तत्काल मेडिकल बोर्ड गठित करने की दिशा में कदम उठाने कहा है. हाई कोर्ट ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अधिनियम (एमटीपी एक्ट) में संशोधन के बाद राज्य सरकार से अपेक्षित था कि वह मेडिकल बोर्ड का गठन करें. बोर्ड में स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट के अलावा ऐसे सदस्यों को शामिल किया जाए, जिन्हें केंद्र व राज्य सरकार अधिसूचित करें. लेकिन राज्य सरकार अब तक इस बोर्ड का गठन करने में विफल रही है. सरकार मेडिकल बोर्ड का गठन करें ताकि गर्भपात की अनुमति के लिए महिलाओं को अपनी बात रखने के लिए एक विकल्प मिल सके.
न्यायमूर्ति एसजे काथावाला व न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की खंडपीठ ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार को ये निर्देश दिए. नियमानुसार 20 सप्ताह से अधिक के भ्रूण का गर्भपात कोर्ट की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता है. इसलिए महिला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. 31 दिसंबर 2021 को सुनवाई के बाद दिए गए अपने आदेश में खंडपीठ ने कहा कि एमटीपी कानून में संशोधन के बाद न सिर्फ गर्भपात की अवधि को बढ़ाया गया है बल्कि मेडिकल बोर्ड के गठन का भी प्रावधान किया गया है. खंडपीठ ने फिलहाल अपने इस आदेश की प्रति राज्य के महाधिवक्ता को भेजने का निर्देश दिया है. और इस विषय पर तत्काल कार्रवाई करने कहा है.