महाराष्ट्र

कोविडरोधी टीके वापस लेने का मामला

कोर्ट नाराज, पूछा-सरकार ने क्यों नहीं लिया फैसला

* सरकारी वकील की दलील-केंद्र से जुड़ा मामला, उसे बुलाया जाए
मुंबई./दि.20– बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को इस्तेमाल न हो सके कोविडरोधी टीकों को वापस लेने के मुद्दे पर नाराज सरकार द्वारा निर्णय न लिए जाने पर अप्रसन्नता जताई. इस मामले की सुनवाई आज होगी. इससे पहले सहायक सरकारी वकील ने कहा कि यह केंद्र सरकार से जुड़ा नीतिगत मामला है. इसलिए इस मामले में केंद्र सरकार को बुलाया जाए. इस पर न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने कहा कि हम मामले से जुड़े नीतिगत पहलू पर बाद में विचार करेंगे. पहले हमें यह बताया जाए कि जब पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को टीकों को वापस लेने से जुड़े निवेदन पर निर्णय लेने को कहा गया था तो उस पर फैसला क्यों नहीं लिया गया. इस पर सहायक सरकारी वकील ने कहा कि उन्हें इस मामले में निर्देश लेने के लिे समय दिया जाए.
खंडपीठ के समक्ष पालघर जिले में स्थित एक निजी मैटरनिटी होम की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई जारी है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता उदय वारुंजेकर व सुनीत काटे ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से अदालत के निर्देश के तहत पहले ही निवेदन दिया गया था. लेकिन फैसला लेने में विलंब हो रहा है. जिसके चलते कई कोविडरोधी टीके नष्ट हो सकते हैं.

2 मई को एक्सपायर हो जाएंगे 349 टीकें
याचिका में दावा किया गया है कि मैटरनिटी होम ने कोविशिल्ड के 6000 वाइल टीके खरीदे थे. इसमें से 3490 टीके शेष बच गए हैं. जिनकी कीमत 21 लाख 98 हजार रुपए है. 3490 में से 349 टीके 2 मई 2022 तक एक्सपायर (खत्म) हो जाएंगे. याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार के अधिकारियों से टीकों की रकम को वापस करने का आग्रह किया था लेकिन अधिकारियों ने टीकों को मुफ्त में दान करने के रुप में लौटाने को कहा है. इस पर याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार को कोविडरोधी टीके को वापस लेने से जुड़ी नीति का खुलासा करने का निर्देश दिए जाने की मांग की है.

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