महाराष्ट्र पुलिस की जांच में दखल देती है सीबीआई, इसलिए रोका गया
शिवसेना नेता संजय राउत ने रखी अपनी दोटूक राय
मुंंबई/दि.२२– शिवसेना ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई को राज्य में मामलों की जांच के लिए दी गई आम सहमति वापस लेने के फैसले को न्यायोचित ठहराया है. पार्टी ने कहा है, केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई स्थानीय केसों में हस्तक्षेप करता है, यह राज्य के अधिकारों का साफ तौर पर उल्लंघन है. शिवसेना नेता संजय राउत के हवाले से कहा, राष्ट्रीय महत्व के मसलों पर सीबीआई को जांच का अधिकार है. हमने यह फैसला इसलिए लेना पड़ा क्योंकि हमारी पुलिस की ओर से की जा रही जांच के राज्य के मामलों में यह हस्तक्षेप करती है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और महाराष्ट्र पुलिस के संविधान के तहत अपने अधिकार हैं और यदि कोई इन अधिकारों का अतिक्रमण करता है तो सरकार को ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी राज्य सरकार के इस कदम का सही ठहराया है. उन्होंने कहा, सीबीआई के गलत इस्तेमाल की बातें होती हैं. यह पेशवर और अग्रणी जांच संगठन है. टीआरपी केस की मुंबई पुलिस द्वारा जांच की जा रही है और ऐसा ही एक केस यूपी में दर्ज हुआ है. केस को सीबीआई को सौंपने की चाल हो सकती है. सीबीआई को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सदस्यों को एक कानून के तहत राज्य में शक्तियों और न्यायक्षेत्र के इस्तेमाल की सहमति को वापस लेने संबंधी एक आदेश बुधवार को जारी किया. सूत्रों के अनुसार, इस कदम के तहत ष्टक्चढ्ढ को अब राज्य में शक्तियों और न्यायाक्षेत्र के इस्तेमाल के लिए आम सहमति नहीं होगी, जो महाराष्ट्र सरकार द्वारा 22 फरवरी, 1989 को जारी एक आदेश के तहत दी गई थी और उसे किसी मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी.
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की जांच पहले मुंबई पुलिस कर रही थी लेकिन बाद में मामला पटना में अभिनेता के पिता द्वारा दर्ज कराई गई स्नढ्ढक्र के आधार पर सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया था. मिली जानकारी के अनुसार, अब अगर सीबीआई किसी मामले की जांच करना चाहती है तो उसे सहमति के लिए राज्य सरकार से संपर्क करना होगा. बता दें कि पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्य भी सीबीआई जांच को लेकर यह फैसला ले चुके हैं. हालांकि इस फैसले का राज्य के ऐसे केसों पर असर नहीं पड़ेगा जिनकी जांच अभी सीबीआई कर रही है