महाराष्ट्र

‘केंद्र सरकार मराठा आरक्षण पर जल्द फैसला ले’

राज्यपाल से मिले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे

मुंबई/दि.११ – मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास आघाड़ी सरकार के नेता और मंत्री राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले. राज्यपाल से मिलकर मुख्यमंत्री और आघाडी सरकार के मंत्रियों ने अपील की कि मराठा समाज को आरक्षण देने की राज्य के सभी दलों और पार्टियों की एकमत से की गई मांग का सम्मान करें और राष्ट्रपति महोदय तक उनकी अपील पहुंचाएं.
राज्यपाल से मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ जब मुख्यमंत्री राजभवन से बाहर निकले तो उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए राज्यपाल से मुलाकात से संबंधित संदर्भों की जानकारी दी. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज हम मराठा आरक्षण के संदर्भ में राज्यपाल महोदय से राज्य सरकार की भावना व्यक्त करने और उनके द्वारा राष्ट्रपति महोदय से मराठा समाज के आरक्षण के लिए जल्दी निर्णय लेने की अपील करने के लिए आए थे. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से हम सब मिले. उनसे अपनी बात रखी. राज्यपाल महोदय का रुख सकारात्मक था.
राज्यपाल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछले हफ्ते सर्वोच्च न्यायालय ने मराठा आरक्षण के संदर्भ में जो फैसला दिया उसमें यह बताया गया कि आरक्षण देने का अधिकार केंद्र सरकार का है. महाराष्ट्र के विधिमंडल में हम सबने एकमत से सभी पार्टियों ने मिल कर एक निर्णय लिया है और मराठा समाज को आरक्षण दिए जाने का निर्णय किया है. इसी भावना को व्यक्त करने के लिए हम आज राज्यपाल से मिले. राज्य सरकार मराठा समाज के साथ है. केंद्र जल्दी से जल्दी मराठा समाज को आरक्षण देने का निर्णय ले, यही अपेक्षा है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल महोदय के माध्यम से राष्ट्रपति तक महाराष्ट्र की भावनाएं पहुंचा दी हैं. मराठा आरक्षण के संदर्भ में उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले में यह स्पष्ट है कि मराठा समाज को आरक्षण देने का अधिकार केंद्र का है. इसलिए इस संदर्भ में वे जल्दी ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे. उनसे मुलाकात करके यह अपील करेंगे कि केंद्र सरकार मराठा आरक्षण पर जल्दी से जल्दी फैसला ले.
‘फडणवीस सरकार द्वारा दिया आरक्षण फुल प्रूफ नहीं था, वरना टिकता’
आगे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस सरकार द्वारा बनाया गया मराठा समाज को आरक्षण दिलाने वाला कानून फुल प्रूफ नहीं था. अगर यह फुल प्रूफ होता तो न्यायालय में टिकता. मराठा आरक्षण की यह लड़ाई अभी तक खत्म नहीं हुई है. राज्यपाल का रुख सकारात्मक था, हमें जवाब की प्रतीक्षा है. राज्यपाल यह पत्र राष्ट्रपति महोदय को सौंपेंगे. अब हमें जवाब का इंतजार है.

  • विपक्ष की आई प्रतिक्रिया

उद्धव ठाकरे के साथ महाविकास आघाडी सरकार के मंत्रिमंडल से उपमुख्यमंत्री अजित पवार, गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील, मराठा आरक्षण समिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण, एकनाथ शिंदे आदि नेता और मंत्री शामिल थे.
लेकिन उद्धव ठाकरे के राज्यपाल से मुलाकात के बाद दिए गए वक्तव्य पर भाजपा की ओर से विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर चीज की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के ऊपर डाल देती है. ये लोग अपने दम पर कुछ भी नहीं कर सकते. केंद्र का पिछड़ा आयोग एक स्वायत्त संस्था है. उसे कोई निर्देश नहीं दे सकता. एक तरफ तो मुख्यमंत्री कहते हैं कि एकमत से सभी पार्टियों ने मिलकर मराठा समाज को आरक्षण देने का निर्णय लिया है तो दूसरी तरफ बोलते हैं कि फडणवीस सरकार द्वारा दिया गया आरक्षण फुल प्रूफ नहीं था.

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