अश्विन मेहाडिया के खिलाफ आरोप पत्र खारिज
हाई कोर्ट का आदेश

* नाग विदर्भ चेंबर में गडबडी का मामला
नागपुर/दि.15-मुंबई हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने सीताबर्डी पुलिस को नाग विदर्भ चेंबर ऑफ कॉमर्स गैरव्यवहार मामले में पूर्व अध्यक्ष अश्विन प्रकाश मेहाड़िया के खिलाफ बिना पूर्व अनुमति के आरोप पत्र दाखिल नहीं करने का अंतरिम आदेश जारी किया है, जिससे जांच पूरी करने का रास्ता साफ हो गया है.
इस मामले में 23 फरवरी 2023 को सीताबर्डी पुलिस ने नाग विदर्भ चेंबर के सदस्य दीपेन अग्रवाल की शिकायत पर मेहाडिया और पूर्व सचिव रामावतार तोतला के खिलाफ विविध धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी. इसलिए मेहाडिया ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. इसकी सुनवाई न्यायमूर्ति विनय जोशी और वृषाली जोशी के समक्ष हुई. इसके बाद कोर्ट ने विभिन्न बातों को ध्यान में रखते हुए उक्त अंतरिम आदेश दिया और सीताबर्डी पुलिस को नोटिस जारी कर 2 जुलाई तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा.
* क्या कहा गया है शिकायत में ?
मेहाडिया और तोतला ने अन्य संचालक और सदस्यों की सहमति के बिना मुंबई के मेहुल शाह को 100 रुपए में वस्तुओं के उत्पादनस्थल का प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार दिया. उसके लिए झूठा प्रस्ताव तैयार किया गया. पुलिस शिकायत में कहा गया है कि इस प्रमाणपत्र को जारी करने की नियमित दर 300 रुपये है और मकान मालिक के साथ समझौता करने के बाद नाग विदर्भ चेंबर के कब्जे में रहने वाला 100 करोड रुपये का परिसर खाली कर दिया गया और इसके बदले 2 करोड रुपये का एक और परिसर और 2.50 करोड रुपए का चेक स्वीकार किया गया.