टीईटी घोटाला मामले में सनदी अधिकारी सुशील खोडवेकर भी गिरफ्तार
पुणे साईबर पुलिस की सबसे बडी कार्रवाई, ठाणे से लिया गया हिरासत में
पुणे/दि.29– टीईटी परीक्षा घोटाला मामले में कृषि विभाग के अधिकारी सुशील खोडवेकर को पुणे पुलिस की साईबर सेल द्वारा ठाणे से गिरफ्तार किया गया है. यह पुणे साईबर पुलिस द्वारा अब तक इस मामले में की गई सबसे बडी कार्रवाई है. बता दें कि, खोडवेकर इससे पहले शिक्षा विभाग में ही कार्यरत थे और उनके द्वारा शिक्षक भरती घोटाला किये जाने की जानकारी पुलिस को मिली थी. जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही अब पुलिस द्वारा खोडवेकर से पता किया जा रहा है कि, इस मामले में और कौन-कौन लोग शामिल है. ऐसे में इस घोटाले में शामिल कई बडे लोगों के नाम जल्द सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है.
बता दें कि, सुशील खोडवेकर वर्ष 2009 की बैच के आईएएस अधिकारी है और वे शालेय शिक्षा व क्रीडा विभाग में उपसचिव के तौर पर भी कार्यरत थे. इस दौरान उनका शिक्षक भरती घोटाले में भी सहभाग रहा, ऐसी जानकारी पुणे पुलिस के हाथ लगी थी. जिसकी जांच करने के बाद पुणे पुलिस ने आज खोडवेकर को ठाणे से अपनी हिरासत में लिया तथा दोपहर बार पुणे के शिवाजीनगर कोर्ट में उन्हें पेश किया गया. जहां से अदालत ने खोडवेकर को पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश जारी किये है. पुणे पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई के चलते राज्य के प्रशासनिक व शिक्षा क्षेत्र में जबर्दस्त हडकंप व्याप्त है.
7800 अपात्र शिक्षकों को पैसे लेकर किया उत्तीर्ण!
* हर एक से लाख-डेढ लाख रूपये वसूले गये
* अब सभी के प्रमाणपत्रों की होगी जांच
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी)-2020 में हुई गडबडियों की जांच के बाद पता चला है कि, 7 हजार 800 अपात्र उम्मीदवारों को पात्र साबित करते हुए उनसे एक से डेढ लाख रूपये लिये गये. ऐसे में अब अपात्र उम्मीदवारों की सूची शिक्षा विभाग तथा राज्य सरकार के पास पेश की गई है तथा इस मामले में और भी कुछ लोगोें की गिरफ्तारी हो सकती है. ऐसा पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता द्वारा कहा गया है.
इस पुरे मामले को लेकर पत्रकारों को जानकारी देते हुए सीपी अमिताभ गुप्ता ने बताया कि, शिक्षक पात्रता परीक्षा 2019-20 में हुई गडबडियों और आर्थिक लेन-देन के मामले की जांच पुणे पुलिस की साईबर सेल द्वारा की गई है और इस मामले में शिक्षा परिषद के आयुक्त तुकाराम सुपे, शिक्षा विभाग के तकनीकी सहलाकार अभिषेक सावरीकर, जीए सॉफ्टवेअर टेक्नॉलॉजीज् कंपनी के संचालक डॉ. प्रीतिश देशमुख, पूर्व संचालक अश्विनी कुमार तथा शिक्षा परिषद के तत्कालीन आयुक्तालय सुखदेव डेरे सहित 30 से 35 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
बता दें कि वर्ष 2019-20 में राज्य के कुल 16 हजार 705 उम्मीदवारों ने यह परीक्षा दी थी. पश्चात ओएमआर शिट की जांच में पाया गया कि, 7 हजार 800 अपात्र उम्मीदवारों से पैसे लेकर उन्हें पात्र दिखाया गया. जिसके लिए प्रति उम्मीदवार एक से डेढ लाख रूपये वसूले गये. इसके तहत जिन अपात्र उम्मीदवारों के अंक गलत तरीके से बढाये गये, उन उम्मीदवारों की सूची तैयार की गई है और अब उनके प्रमाणपत्रोें की भी जांच की जायेगी.
* ऐसे तय हुई पात्रता
सन 2019-20 की टीईटी परीक्षा के पहले पेपर में 1 लाख 88 हजार 688 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था. जिसमें से 10 हजार 487 परीक्षार्थियों को पात्र ठहराया गया. वहीं पेपर-2 के लिए 1 लाख 54 हजार 596 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे. जिसमें से 6 हजार 105 को पात्र ठहराया गया था.