महाराष्ट्र

मुख्यमंत्री, मंत्री व आईएएस अधिकारी आएंगे लोकायुक्त कानून के दायरे में

करीब 9 बैठकों के बाद राज्य में लोकायुक्त कानून का मसौदा तैयार

मुंबई – /दि.22 अब महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री, मंत्री व आईएएस अधिकारी भी राज्य के नये लोकायुक्त कानून के दायरे में आएंगे. वरिष्ठ समाजसेवी अन्ना हजारे द्बारा की गई मांग के चलते 3 वर्षों के दौरान करीब 9 बैठकों के बाद लोकायुक्त कानून का मसौदा तैयार किया गया है. जिसे विधानसभा के आगामी सत्र में राज्य सरकार द्बारा पेश किया जाएगा.
बता दें कि, वरिष्ठ समाजसेवी अण्णा हजारे द्बारा वर्ष 2011 के दौरान दिल्ली में किए गए आंदोलन के बाद केंद्र सरकार ने देश में लोकपाल कानून को लागू किया. उस समय से वे राज्यों में भी लोकायुक्त कानून रहने की मांग कर रहे थे और अपनी इसी मांग के लिए अण्णा हजारे ने वर्ष 2019 में रालेगण सिद्धि में 7 दिन का अनशन किया था. उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने लोकायुक्त कानून तैयार करने का लिखित आश्वासन देते हुए संयुक्त मसौदा समिति स्थापित की थी. राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षतावाली इस समिति में सरकार के 5 और सिविल सोसायटी के 5 सदस्य थे. इस समिति में सरकार की ओर से सामान्य प्रशासन सचिव, गृहसचिव, विधि सचिव तथा पूर्व मुख्य सचिव जॉनी जोसेफ का समावेश था. वहीं सिविल सोसायटी की ओर से वरिष्ठ समाजसेवी अण्णा हजारे, उमेशचंद्र सरंगी व संजय पाठाडे सहित अन्य तीन सदस्य थे. इस समिति का कामकाज 3 वर्ष 4 माह तक चला और विगत शुक्रवार को ही पुणे की यशदा संस्था में संयुक्त मसौदा समिति की 9वीं व अंतिम बैठक हुई. जिसमें लोकायुक्त विधेयक के मसौदे को अंतिम रुप से तय किया गया. इस अंतिम बैठक में समिति के सभी सदस्य उपस्थित थे.

लोकायुक्त विधेयक को यदि कानून ने रुपांतरीत किया जाता है, तो राज्य को एक सक्षम लोकायुक्त कानून मिलेगा. लोकायुक्त के अधिकार में जांच व कार्रवाई होने के चलते यह कानून सूचना अधिकार से भी 2 कदम आगे रहेगा.
– अण्णा हजारे,
वरिष्ठ समाजसेवी.

अण्णा हजारे द्बारा हमेशा ही लोकायुक्त कानून बनाने हेतु आग्रह किया गया. इस कानून हेतु समिति ने कई अच्छे मुद्दों को मसौदे में शामिल किया था. यह कानून विधानसभा में मंजूर होने के बाद राज्य में क्रांतिकारी बदलाव होगा.
– संजय पठाडे,
सदस्य, लोकायुक्त मसौदा समिति.

 

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