चिखलदरा स्कॉईवॉक : अब 2026 में काम पूरा होने की उम्मीद

लागत 50 प्रतिशत बढी

चिखलदरा/दि.10-विदर्भ का नंदनवन कहे जानेवाले चिखलदरा में साकार हो रहे स्कॉईवॉक की लागत बढ गई है. काम तो चल रहा है लेकिन इस वर्ष पूरा होने की उम्मीद कम नजर आ रही है. यानी पर्यटकों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा. बहुप्रतीक्षित स्कॉईवॉक की लंबाई 407 मीटर और चौड़ाई 2.35 मीटर है. गोराघाट प्वॉइंट से हरिकेन प्वॉइंट के बीच गहरी खाई पर ये स्कॉईवॉक बन रहा है. इसके निर्माण से होटल व्यवसाय के साथ-साथ स्थानीय नागरिकों इसका फायदा होगा. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
वर्ष 2019 के आरंभ में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसके निर्माण कार्य की आधारशिला रखी थी. दो वर्ष में काम पूरा करना था. काम इंदौर की एपी आइकॉन कंपनी को दिया गया था. स्कॉईवॉक निर्माण का मुख्य उद्देश्य पर्यटन स्थल का विकास तथा स्थानीय बेरोजगार नागरिकों को रोजगार उपलब्ध करवाना था. प्रकल्प के आरंभ में इसकी लागत 34.34 करोड़ बताई गई थी, जो निर्माण में विलंब के चलते 50 प्रतिशत तक बढ़ गई है. लगभग 70 प्रतिशत तक काम पूरा हो गया था. लेकिन कोरोना के कारण निर्माण कार्य बंद हो गया. इसके बाद आवश्यक दस्तावेजों के अभाव में निर्माण कार्य खटाई में पड़ गया था. बफर जोन में आने से वनविभाग ने विरोध किया. अक्तूबर 2022 में इसके निर्माणकार्य को पुनः मंजूरी प्रदान की गई. विलंब होने से निर्माणकार्य की लागत बढ़ गई.
* फ्रेम और प्लेट्स लगाने का कार्य शेष
केबल लगाने का 90 प्रतिशत काम लगभग पूरा हो चुका है. फ्रेम लगाने तथा प्लेट्स लगाने का कार्य शेष है. बारिश का मौसम शुरु हो गया है. यहां सबसे अधिक बारिश होती है. इससे रोप-वे केबल पर निर्माणकार्य में बाधा आएगी. उम्मीद है कि वर्ष 2026 की शुरुआत में काम पूरा हो जाएगा.

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