
* मुख्याध्यापक व शिक्षक संगठनों का विरोध, पालक भी अस्वस्थ
मुंबई /दि. 6– यदि आप अप्रैल माह के मध्य तक बच्चों की वार्षिक परीक्षा के निपटने की बात को ध्यान में रखते हुए बाहरगांव घूमने-फिरने का नियोजन कर रहे है, तो थोडा रुकना ही बेहतर रहेगा. क्योंकि राज्य शैक्षणिक संशोधन व प्रशिक्षण परिषद एससीईआरटी द्वारा राज्य की सभी सरकारी शालाओं ने कक्षा पहली से नौवीं की वार्षिक परीक्षा व संकलित मूल्यमापन परीक्षा का आयोजन इस बार एक साथ करने का निर्णय लिया गया है. जिसके टाइम टेबल के मुताबिक 8 अप्रैल से 25 अप्रैल के दौरान सभी शालाओं में पहली से नौवीं तक की कक्षाओं की परीक्षाएं होंगी, इस निर्णय का मुख्याध्यापक शिक्षक संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है. साथ ही छुट्टियों का नियोजन बिगड जाने की संभावना के चलते पालक भी काफी हद तक अस्वस्थ है.
बता दें कि, राज्य में शैक्षणिक सत्र 30 अप्रैल तक शुरु रहता है. अप्रैल माह के पहले सप्ताह में परीक्षाएं लेने हेतु सभी शालाएं पटापट अपने पाठ्यक्रमों को पूरा कर लेती है और 14 अप्रैल के बाद सभी शालाएं सुनसान हो जाती है तथा 30 अप्रैल तक के शैक्षणिक दिवस व्यर्थ चले जाते है, यह बात एससीईआरटी के ध्यान में आने के बाद इस वर्ष से इसमें सुधार करने का निर्णय लिया गया है. इस निर्णयानुसार राज्य शिक्षा मंडल की सभी शालाओं में पहली से नौवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा तथा विद्यार्थियों की प्रथम भाषा, विज्ञान, गणित, अंग्रेजी व सामाजिक शास्त्र विषयों की संकलित व नियतकालिक मूल्यमापन परीक्षा 8 अप्रैल से 25 अप्रैल तक आयोजित की जाएगी. जिसके बाद इन परीक्षाओं का परिणाम 1 या 2 मई को घोषित करना अनिवार्य हैै.
राज्य की सभी शालाओं की वार्षिक परीक्षाओं का टाईम टेबल पहले ही घोषित हो चुका है. इस टाईम टेबल के आधार पर ही अभिभावकों ने छुट्टियों को लेकर नियोजन किया है. ऐसे में अब इसमें अचानक ही कोई बदलाव करते हुए 25 अप्रैल तक परीक्षा लिए जाने पर शालाओं के काम का नियोजन और अभिभावकों की छुट्टियों का नियोजन भी गडबडाएगा. साथ ही कई अभिभावकों ने शालेय परीक्षा 14 अप्रैल तक निपट जाने की बात को ध्यान में रखते हुए अपने बच्चों का किसी अन्य क्लास के लिए एडमिशन करवाते हुए उसकी फीस भी भर दी थी. ऐसे में अब यदि परीक्षाएं आगे चलती है और 25 अप्रैल तक स्कूली परीक्षाएं चलती है तो ऐसे विद्यार्थियों के अभिभावकों द्वारा भरी गई फीस का नुकसान होगा और वे अपनी एडमिशन वाली क्लासेस में भी नहीं जा सकेंगे.
* अगले वर्ष से नियोजन करने की मांग
एससीईआरटी द्वारा ऐन समय पर लिए गए निर्णय पर अमल किए जाने से सभी शालाओं का नियोजन गडबडाएगा. जिसकी तकलीफ अभिभावकों को भी होगी. 25 अप्रैल को कक्षा पहली से आठवीं के गणित, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान एवं विज्ञान विषयों की परीक्षा है. जिसके खत्म होने के बाद अगले पांच दिन के भीतर प्रश्नपत्रों की जांच करते हुए शिक्षकों द्वारा प्रगति पुस्तक भरकर अपने अभिप्राय कैसे लिखे जा सकेंगे, इस पर भी विचार होना आवश्यक है. ऐसे में अगले शैक्षणिक सत्र से जून माह में ही इसकी कल्पना देकर इस फैसले पर अमल किया जाना चाहिए, ऐसा मुंबई मुख्याध्यापक संगठन के संजय पाटिल का कहना रहा.