महाराष्ट्रमुख्य समाचार

सफाई कर्मी के वारिसों को पहले नौकरी

100 प्रतिशत पदभर्ती होगी

* लाड समिति की सभी सिफारिशें मंजूर
* शिंदे केबिनेट का फैसला
मुंबई/ दि. 27 – शिंदे-फडणवीस सरकार ने सफाई कामगार की परिभाषा में आनेवाले सभी सफाई कर्मियों हेतु लाड समिति की सभी सिफारिशे लागू करने का महत्वपूर्ण निर्णय रविवार को हुई केबिनेट बैठक में किया. सफाई कामगार की 100 प्रतिशत पदभर्ती करने का भी निर्णय हुआ है. किसी कामगार का पद कोई भी हो यदि उसे सफाई संबंधी काम दिया जाता है तो उसे भी सफाई कामगार संबोधित कर सभी लाभ दिए जायेंगे. सिर पर मैला धोनेवाले सफाई कामगार के वारिसों को विरासत हक से नौकरी में प्राथमिकता दी जायेगी. इसके लिए संशोधित प्रावधान करने से हजारों सफाई कामगार के परिवारों की अनेक वर्षो की मांगे मान्य हो गई है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में सफाई कामगारों की विविध मांगों के संदर्भ में केबिनेट बैठक में उप समिति नियुक्त करने का निर्णय हुआ. इस समिति की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस करेंगे.
* नौकरियों में प्राधान्य – शौचालय स्वच्छता, गंदगी संबंधित मल निस्तारण व्यवस्था, नाली, गटर ड्रेनेज, अस्पताल और शवविच्छेदन गृह की गंदगी दूर करने वाले सफाई करनेवाले अनुसूचित जाति, नवबौध्द प्रवर्ग और सफाई कामागार की परिभाषा में आनेवाले सभी कामगार और पहले सिर पर मैला ढोनेवाले लोगों के वारिसों को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता दी जायेगी. रोजनदारी, ठेका पध्दति पर बाह्यस्त्रोत के माध्यम से काम करनेवाले लोगों को लाभ नहीं मिलेगा. जो सफाई कामगार सेवा में नियमित हुए है. उन्हें इन सिफारिशों का फायदा होगा. निर्णय में सफाई कामगार के वारिस कौन होंगे, इसका भी स्पष्ट उल्लेख है. जिसमें पति या पत्नी, बेटा या बेटी, बहू या जवाई, विधवा बेटी, बहन , परित्यक्त बेटी अथवा बहन, अविवाहित संज्ञान बेटी अथवा अविवाहित संज्ञान बहन, सफाई कर्मचारी का सगा भाई अथवा सगी बहन, पोत्र या पोत्री या फिर कोई भी वारिस न रहने पर उस सफाई कामगार को आजीवन संभालनेवाले, लिखित शपथपत्र द्बारा गारंटी देनेवाले व्यक्ति को वारसा हक्क से नोकरी हेतु पात्र समझा जायेगा. उसकी उम्र कम से कम 18 वर्ष और अधिकतम 45 वर्ष होनी चाहिए. सफाई कामगार को स्वेच्छा निवृत्ति के लिए कम से कम 15 वर्ष सेवा बंधनकारक रहेगी. अनेक लाभ देने के साथ उन्हें मालकी हक्क से घर देने के बारे में भी शहरी विकास, ग्राम विकास और गृह निर्माण विभाग तत्काल निर्णय लेगा.

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