महाराष्ट्र

सीएम ठाकरे आज फिर होंगे एफबी लाईव

  •  रात 8.30 बजे जनता से साधेंगे संवाद

  •  किसी बडे निर्णय की घोषणा का अंदेशा

  •  मुंबई में लगातार बैठकों का दौर जारी

मुुंबई/दि.2 – राज्य में इस समय दिनोंदिन कोविड संक्रमण को लेकर हालात गंभीर होते जा रहे है, ऐसे में राज्य सरकार द्वारा आज किसी बडे निर्णय की घोषणा किये जाने की संभावना दिखाई दे रही है. राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे आज रात 8.30 बजे फेसबुक लाईव के जरिये राज्य की जनता से संवाद साधेंगे. इस समय सीएम ठाकरे द्वारा किस निर्णय की घोषणा की जाती है, इस ओर सभी की निगाहे लगी हुई है.
वहीं दूसरी ओर मुंबई में शुक्रवार को पूरा दिन राज्य सरकार के विभिन्न मंत्रियों की बैठकोें का दौर चलता रहा और दोपहर 4.30 बजे सह्याद्री अतिथीगृह में सीएम ठाकरे द्वारा राज्य के मुख्य सचिव के साथ हालात की समीक्षा करने हेतु एक बैठक बुलायी गयी है. इस बैठक के बाद सीएम ठाकरे एक उच्च स्तरीय बैठक में भी हिस्सा लेंगे. जिसके पश्चात एफबी लाईव के जरिये राज्य की जनता से संवाद साधेंगे.
उल्लेखनीय है कि, सीएम ठाकरे ने इससे पहले ही प्रशासन को लॉर्कडाउन के संदर्भ में तैयारी करने के निर्देश दिये थे. ऐसे में अब इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है कि, क्या सीएम ठाकरे राज्य में एक बार फिर लॉकडाउन लागू करने के निर्णय की घोषणा करने जा रहे है. वहीं दूसरी ओर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे द्वारा कहा गया था कि, राज्य में लॉकडाउन लागू नहीं किया जायेगा, बल्कि कडे प्रतिबंध लागू किये जायेंगे. किंतु यदि इसके बावजूद भी संक्रमितों की संख्या नियंत्रण में नहीं आयी तो लॉकडाउन के अलावा अन्य कोई पर्याय भी नहीं रहेगा. ऐसे में अब सभी की निगाहें शुक्रवार की रात 8.30 बजे सीएम उध्दव ठाकरे द्वारा एफबी लाईव के दौरान की जानेवाली घोषणा की ओर लगी हुई है.

  • अब पता चला जिले में क्यों जरूरी था लॉकडाउन

उल्लेखनीय है कि, विगत फरवरी माह के दौरान जैसे ही अमरावती जिले में कोविड संक्रमितों की संख्या में बेतहाशा वृध्दी होने लगी और परिवार के परिवार कोविड संक्रमित पाये जाने लगे, तब जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर व जिलाधीश शैलेश नवाल द्वारा कोरोना संक्रमण की रफ्तार को नियंत्रित करने एवं नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनजर अमरावती सहित अचलपुर तहसील क्षेत्र में 22 फरवरी से 28 फरवरी तक लॉकडाउन लागू करने का निर्णय लिया गया था. लॉकडाउन काल के दौरान भी संक्रमितों की संख्या में कोई विशेष कमी नहीं आयी थी. जिसकी वजह से लॉकडाउन को 8 मार्च तक आगे बढाया गया था. किंतु उस समय शहर के कई ‘अति समझदार’ लोगों ने इस लॉकडाउन को लेकर प्रशासन को जमकर कोसना शुरू किया था और आये दिन प्रशासन पर लॉकडाउन को खत्म करने व प्रतिबंधोें में ढील देने को लेेकर दबाव बनाया जा रहा था. लॉकडाउन का विरोध करनेवाले लोगों का तर्क था कि, केवल अमरावती जिले में ही कोरोना का संक्रमण दुबारा कैसे व क्योें फैल रहा है तथा इसे लेकर प्रशासन की मंशा पर भी सवालियां निशान उठाये गये थे. लेकिन अब जहां एक ओर अमरावती जिले में लॉकडाउन की वजह से हालात काफी हद तक नियंत्रित हो चले है, वहीं राज्य के अन्य कई जिलों में कोविड संक्रमण की स्थिति अनियंत्रित होने के चलते वहां लॉकडाउन लगाने की नौबत आन पडी है, तो अमरावती के ‘समझदार’ लोगों की समझ में आ गया होगा कि, समय रहते अमरावती में लॉकडाउन लगाया क्यों जरूरी था और प्रशासन द्वारा समय रहते यह निर्णय लेकर किस तरह अमरावतीवासियों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया गया. हालांकि इसके लिए भी प्रशासन को विशेष कर जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर व जिलाधीश शैलेश नवाल को लोगों की ओर से विरोध के साथ ही गालियों तक का सामना करना पडा था. लेकिन अब सभी को यह बात धीरे-धीरे समझ में आ गयी होगी कि, यदि उस वक्त प्रशासन द्वारा अमरावती में लॉकडाउन नहीं लगाया जाता, तो शहर सहित जिले में कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा पैदा हो सकता था और सैंकडों लोगों की जाने भी जा सकती थी. हालांकि लॉकडाउन के बावजूद अब भी कोविड संक्रमण पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, बल्कि संक्रमण की रफ्तार कम हुई है. ऐसे में सभी लोगों ने प्रशासन का विरोध करने की बजाय कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का कडाई के साथ पालन करना चाहिए, ताकि कोविड संक्रमण की चेन को तोडा जा सके और अब दुबारा अमरावती जिले में लॉकडाउन लगाने की नौबत न आये.

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