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भाजपा ने सीएम पद का प्रभार किसी अन्य को सौंपने की मांग उठाई
मुंबई/दि.22 – विगत कुछ दिनों से राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे अस्वस्थ चल रहे है. ऐसे में वे राज्य विधान मंडल के शीतकालिन सत्र में उपस्थित रहेंगे अथवा नहीं, इसे लेकर काफी हद तक अनिश्चितता व संभ्रम की स्थिति है. जिसके चलते भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि, विगत 45 दिनों से राज्य को मुख्यमंत्री के दर्शन नहीं हुए. ऐसी स्थिति में कार्यवाहक मुख्यमंत्री की नियुक्ति की जानी चाहिए. वहीं दूसरी ओर राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने स्पष्ट किया कि, शीतसत्र में निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे हिस्सा लेंगे.
बता दें कि, विधान मंडल अधिवेशन की पूर्व संध्या पर गत रोज सह्याद्री अतिथी गृह पर चाय-पानी का आयोजन किया गया था. जिसमें मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे उपस्थित नहीं थे. साथ ही मंत्रिमंडल की बैठक में भी उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हिस्सा लिया. इसके अलावा सीएम ठाकरे की बजाय उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पत्रकार परिषद को संबोधित किया. हालांकि इस पत्रवार्ता में डेप्यूटी सीएम अजीत पवार ने बताया कि, मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य अब काफी हद तक ठीक है और वे अपनी सुविधा के अनुसार विधान मंडल के शीतसत्र में शामिल होंगे. तीन दिन पहले भी सीएम ठाकरे विधान भवन गये थे और वे मंत्रिमंडल की बैठकों में भी ऑनलाईन तरीके से उपस्थिती लगाते है.
सीएम ठाकरे को नहीं किसी पर भरोसा
उधर दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि, यदि एक दिन के लिए भी विदेश जाना हो, तो मुख्यमंत्री पद का प्रभार किसी अन्य को देना पडता है. किंतु यहां पर विगत 45 दिनों से मुख्यमंत्री लगातार बीमार पडे है. परंतु राज्य में प्रभारी या कार्यवाहक मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी किसी को नहीं दी गई है. जिसका सीधा मतलब है कि, मुख्यमंत्री ठाकरे को अपनी सरकार में अपने किसी सहयोगी पर भरोसा नहीं है. यदि सीएम ठाकरे किसी और पर भरोसा नहीं कर पा रहे, तो उन्होंने अपने ही मंत्रिमंडल में रहनेवाले अपने बेटे आदित्य ठाकरे को सीएम पद का प्रभार देना चाहिए, क्योंकि राज्य को भगवान भरोसे नहीं छोडा जा सकता.
अधिवेशन के लिए हुई टेस्टिंग में 8 संक्रमित मिले
राज्य विधान मंडल के शीतसत्र के मद्देनजर विधान भवन परिसर में प्रवेश देने की दृष्टि से सोमवार को 2 हजार 678 लोगों की आरटीपीसीआर टेस्ट करायी गयी. जिसमें से 8 लोगों में कोविड वायरस का संक्रमण रहने की बात सामने आयी. जिन्हें तुरंत ही आयसोलेट किया गया. बता दें कि, विधान भवन में प्रवेश हेतु कोविड वैक्सीन के दोनों डोज का टीकाकरण और आरटीपीसीआर टेस्ट को अनिवार्य किया गया है. अधिवेशन काल के दौरान विधान भवन में भीडभाड न हो, इस बात के मद्देनजर अभ्यागतों को प्रवेश नहीं दिया जायेगा. साथ ही स्वीयसहायकों के लिए बैठने की व्यवस्था विधान भवन के सामने वाहनतल के प्रांगण में स्वतंत्र मंडप डालकर की जायेगी. इसके अलावा मंत्रियों की आस्थापना में रहनेवाले कर्मचारियों को भी सीमित संख्या में ही प्रवेश दिया जायेगा. साथ ही साथ दोनों सभागृहों में एक-एक सीट छोडकर सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है. जिसके तहत कुछ सदस्यों के बैठने की व्यवस्था दर्शकदीर्घा में रहेगी. इन सभी उपाय योजनाओं की समीक्षा विधान परिषद सभापति रामराजे नाईक निंबालकर, उपसभापति डॉ. निलम गोर्हे, विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी झिरवाल, विधानमंडल के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत, सहसचिव डॉ. अनिल महाजन तथा उपसचिव राजेश तारवी द्वारा की गई.