महाराष्ट्र

“ताउते प्रभावित इलाकों में पिकनिक मनाने गए थे सीएम”

CM उद्धव ठाकरे पर जमकर बरसे BJP नेता नारायण राणे

मुंबई/दि.26 – बीजेपी नेता नारायण राणे ने ठाकरे सरकार को जम कर लताड़ लगाई है. बुधवार को पत्रकार परिषद आयोजित कर उन्होंने ताउते तूफानग्रस्त इलाकों के मुख्यमंत्री दौरा को पिकनिक दौरा करार कर दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दौरा करते हुए कहा था कि दो दिनों में राहत की घोषणा करेंगे. कोई आर्थिक पैकेज घोषित नहीं किया. सिर्फ इतना कहा कि जहां-जहां नुकसान हुआ वहां मदद करेंगे. कहां है आर्थिक पैकेज मेरी उनसे मांग है कि 200 करोड़ का स्पष्ट पैकेज जाहिर करे राज्य सरकार. उन्होंने कहा कि पिछली बार आपदाग्रस्त लोगों के लिए 25 करोड़ का पैकेज जाहिर किया गया था, मिली सिर्फ 50 लाख की मदद. नारायण राणे ने सवाल करते हुए कहा कि यह कैसा दौरा है जहां सीएम कुछ घंटे के लिए आए? यह कैसा दौरा है जहां सीएम आपदा प्रभावित लोगों से मिले ही नहीं? यह कैसा दौरा है जहां सबसे ज्यादा नुकसान हुआ वहां वे गए ही नहीं? तो फिर क्या मुंबई से 500 किलोमीटर दूर हेलिकॉप्टर से सिर्फ कलक्टर से चिट लेने गए? कहां है नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट? किस आधार पर मदद करेंगे ये, जब इन्हें नुकसान का कोई पता ही नहीं? सिर्फ हवा में मदद करेंगे? कोकण का यह दौरा, नुकसानग्रस्त कोकण का दौरा नहीं, मुख्यमंत्री का पिकनिक दौरा था.

  • जब से आघाड़ी सरकार आई, महाराष्ट्र पिछाड़ी रह गया

पूर्व में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके भाजपा सांसद ने मुख्यमंत्री पर हमले करते हुए कहा कि राज्य के लिए ये मुख्यमंत्री लाएक ही नहीं हैं. अकाल, अतिवृष्टि, नैसर्गिक आपदा जैसे समय में घर-घर जाना पड़ता है. पंचनामे करने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि दरअसल ठाकरे सरकार की तिजोरी में देने के लिए कुछ है ही नहीं. उन्होंने यह सवाल किया कि आखिर ठाकरे सरकार ने कोकण के विकास के लिए क्या दिया? पर्यटन के विकास के लिए क्या किया?  जिस एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री उतरे, पहले उसे शुरू कीजिए. जिस एयरपोर्ट पर विमान उतरने की इजाजत नहीं वहां मुख्यमंत्री कैसे उतर सकते हैं. इतने सालों से चिपी एयरपोर्ट की बस बात चल रही है, क्यों नहीं शुरू करते? महाराष्ट्र को सबसे विकसित राज्य माना जाता था. जब से आघाडी सरकार आई है महाराष्ट्र पिछाड़ी रह गया है.

  • …तो महाराष्ट्र सरकार को केंद्र सरकार में सम्मिलित कर दो

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चिवला बीच घुमने आए थे. वहीं मेरा घर है. वो शायद यह देखने आए थे कि मेरा घर कैसा है? मुझे पता रहता कि वे वहां आने वाले हैं तो मैं वहां रूकता और उन्हें अपने घर बुलाकर नारियल पानी पिलाता. नारायण राणे से जब एक पत्रकार ने पूछा कि प्राकृतिक आपदा के वक्त महाराष्ट् को केंद्र से राहत मिलनी चाहिए. तो जवाब में नारायण राणे ने कहा आपके पास नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट है ही नहीं. क्या आपने रिपोर्ट बना कर केंद्र को भेजा?  राज्य सरकार भी कुछ करेगी या नहीं? जब सब केंद्र सरकार करेगी तो फिर राज्य सरकार को केंद्र सरकार में सम्मिलित कर दो. फिर राज्य सरकार का क्या काम है?

  • कोरोना कंट्रोल करने में पूरी तरह फेल है ठाकरे सरकार

नारायण राणे ने इस बात पर नाराजगी जताई कि महाराष्ट्र में कोरोना से अब तक 80 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वैक्सीन, ऑक्सीजन और दवाइयों का ठीक तरह से मैनेजमेंट नहीं कर पा रही है यह ठाकरे सरकार. रोज खबरें आती है आज यहां वैक्सीनेशन बंद, कल वहां वैक्सीनेशन बंद. एकाध बड़े शहरों के आंकड़े दिखा कर अपनी पीठ थपथपा रही है ठाकरे सरकार. उन्होंने कहा कि गांवों में कोरोना लगातार बढ़ रहा है. एक-एक अस्पताल में सात सौ लोग पहुंच रहे हैं. बेड नहीं, ऑक्सीजन नहीं, इलाज नहीं. कोई विजन नहीं है इनके पास सिर्फ एक चीज पता है, लॉकडाउन. आज लोगों का काम धंधा चौपट हो गया है. लोग सड़कों पर आ गए हैं.

  • ‘वर्षा’ और ‘मातोश्री’ में है भूतों का बसेरा, वहां शांतियज्ञ करवाओ

पिछले दो दिनों से शिवसेना सांसद संजय राउत महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर हमले कर रहे थे. उन्होंने कहा था कि पिछले छह-सात महीने से राज्य मंत्रिमंडल ने एकमत से 12 विधायकों के नामों की सूची राज्यपाल को भेजी हुई है, उनपर राज्यपाल साइन नहीं कर रहे. क्या उस फाइल को भूत उड़ा ले गए? जवाब में नारायण राणे ने कहा कि बाकी विधायक क्या कर रहे हैं? क्या इन 12 विधायकों की सूची पर राज्यपाल साइन कर देंगे तो महाराष्ट्र कोरोनामुक्त हो जाएगा? राणे ने कहा कि राजभवन में भूतों का बसेरा नहीं वर्षा और मातोश्री में भूतों का बसेरा है, वहां शांतियज्ञ करवाने की जरूरत है. राज्यपाल एक संवैधानिक पद है. राज्यपाल पर बोलने से पहले संजय राउत को काफी अध्ययन करके आना चाहिए. सत्ता में हैं तो कुछ भी उठा कर लिख देना इनका स्वभाव बन गया है. किनको हनुमान बनाना है और किनको गणपति, यह इन्हें अच्छी तरह आता है. हर छोटी-बड़ी बात पर ये पीएम और राज्यपाल पर ऊंगली उठाते रहते हैं. संजय राउत की भाषा भी अशोभनीय है. राजनेताओं को शोभा देने वाली यह भाषा नहीं है.

  • मराठा आरक्षण नहीं मिलने की पूरी जिम्मेदारी ठाकरे सरकार की

बीजेपी सांसद नारायण राणे ने मराठा आरक्षण नहीं मिलने का कारण पूछने पर कहा कि इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार ठाकरे सरकार है. दरअसल इनको आरक्षण देना ही नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने जो सवाल उठाए उन सवालों का जवाब देना राज्य सरकार की जिम्मेदारी थी. इन्हें मराठा समाज का पक्ष मजबूती से रखना ही नहीं आया. आज मराठा समाज हताश नहीं है, मराठा समाज आक्रामक समाज है जो आज बेहद गुस्से में है. वो निषेध-विषेध नहीं करेगा. इन्हें जब वो डंडा करेगा, तब इन्हें पता चलेगा.

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