मुंबई/दि .7 – इस समय कोविड संक्रमण का खतरा पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. इसके बावजूद सरकार ने ब्रेक द चेन अभियान अंतर्गत पांच अलग-अलग मानक तय करते हुए अलग-अलग जिलों में स्थानीय हालात की समीक्षा करते हुए लॉकडाउन को शिथिल करने का अधिकार संबंधित जिला प्रशासन को दिया गया है. ऐसे में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करते समय किसी भी स्तर पर किसी भी हालात में भीडभाड न होने पाये. इस बात की जिम्मेदारी संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों पर होगी तथा कहीं पर भी भीडभाड संबंधी नियमों का उल्लंघन होने पर सीधे जिलाधीश के खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी. इस आशय की चेतावनी राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे द्वारा जिलाधिकारियों के नाम जारी की है.
विगत 4 जून को ब्रेक द चेन अभियान अंतर्गत अनलॉक से संबंधित आदेश जारी किये जाने के बाद समूचे राज्य में प्रतिबंध शिथिल हो गये है और लॉकडाउन को खत्म किया जा चुका है, ऐसी गलतफहमिया उत्पन्न हो गयी थी. जिसे दूर करने हेतु मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने राज्य के सभी संभागीय आयुक्तों, जिलाधिकारियों, पालिका आयुक्तों तथा पुलिस अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेते हुए कहा कि, राज्य में लॉकडाउन को पूरी तरह से नहीं हटाया गया है, बल्कि अनलॉक की प्रक्रिया हेतु कोविड पॉजीटिविटी रेट एवं रिक्त ऑक्सिजन बेड की संख्या के आधार पर पांच अलग-अलग श्रेणिया तय की गई है. ऐसे में सभी जिला प्रशासनों को अपने-अपने क्षेत्र के हालात को ध्यान में रखते हुए अनलॉक से संबंधित प्रक्रिया को निर्धारित मानक के आधार पर तय करना होगा और हालात को नियंत्रित करने हेतु प्रतिबंध भी लागू रखने होंगे. सीएम उध्दव ठाकरे के मुताबिक गत वर्ष विभिन्न पर्व व त्यौहारों के बाद कोविड संक्रमण की स्थिति अनियंत्रित हुई थी और जारी वर्ष में आगामी समय के दौरान एक बार फिर बडे पैमाने पर पर्व व त्यौहार पडनेवाले है. ऐसे में अनलॉक की प्रक्रिया को शुरू करने के साथ ही कोविड प्रतिबंधात्मक उपायों को ही बेहद कडाई के साथ लागू रखना होगा.