मुंबई/दि.5– प्रदेश की सहकारिता बैंकों की समस्याएं जानकर राज्य सरकार उनकी सहायता करेगी, इसके लिए बैंकों की समस्याओं का अध्ययन करने समिति स्थापित की गई है. राज्य सहकारी बैंक के प्रशासक विद्याधर अनास्कर को उसका अध्यक्ष मनोनीत किया गया है. समिति में 6 विशेषज्ञ सदस्य मनोनीत हैं. एक माह के अंदर समिति अपनी रिपोर्ट और सिफारिश राज्यसरकार को प्रस्तुत करेगी. जिससे अनेक बैंकों की समस्याओं का अध्ययन सुविधापूर्ण होने की जानकारी दी गई है.
सहकारिता मंत्री दिलीप वलसे पाटील की अध्यक्षता में गत 19 अक्तूबर को मंत्रालय में बैठक हुई थी. जिसमें जिला व नागरी सहकारी बैंकों को मदद करने हेतु उनकी दिक्कतों का अध्ययन कर राज्य सरकार को अनुशंसा करने का निर्णय किया गया था. उस निर्णयानुसार यह समिति बनाई गई है.
जानकारों के अनुसार, प्रदेश की आर्थिक तरक्की में नागरी सहकारी बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण है. कुल 435 बैंक कार्यरत है. जिनके माध्यम से छोटे व्यापारियों और सर्वसामान्य लोगों को ऋण उपलब्ध कराया जाता है. अर्ध शहरी और ग्रामीण भागों में इन बैंकों की अहमियत होती है. कोरोना के बाद से बैंकों के समक्ष दिक्कतें बढ़ गई है. ऐसे ही निजी क्षेत्र की बैंकों की प्रतिस्पर्धा के कारण भी सहकारी बैंकें संकट में आने का दावा जानकार करते हैं.