अमरावतीमहाराष्ट्र

मन्नत के नारियल और चाकोली चढाने की होड

अंबादेवी में सजी होली

* वर्षो की परंपरा
* लोगों में भी बनी हुई है श्रध्दा
अमरावती/दि.28-अंबादेवी मंदिर के प्रांगण में होली के वृक्ष को सजाने की परंपरा का निर्वाह गत पखवाडे भर पहले हो गया. होली से एक माह पहले वृक्ष लगाकर उस पर नारियल और चाकोली, कंडे अर्पित किए जाते हैं. इसके पीछे लोगों की कोई इच्छा पूर्ण होने की आस्था है. गत 15 दिनों में सैकडों श्रध्दालुओं ने अपनी इच्छा व्यक्त कर होली के लिए नारियल और चाकोली अर्पित किए हैं. अभी अगले 14 दिनों तक यह सिलसिला चलेगा. फागुन पूर्णिमा पर शुभ बेला में होलिका दहन होगा.
अंबानगरी की होली का पौराणिक इतिहास है. नगरी की कुल देवता अंबा एकवीरा देवी संस्थान में होली के दिन जलनेवाली होली का वृक्ष माघ पूर्णिमा को ही खडा किया जाता है. जिसे मन्नत के पेड के रूप में आध्यात्मिक महत्व प्राप्त है. होली के ठीक एक माह पहले (माघ पूर्णिमा)को स्थापित होनेवाले इन मन्नत के होली वृक्षों का होली के दिन (फाल्गुन पूर्णिमा) विधिवत दहन किया जाता है.
अंबादेवी , एकवीरा देवी संस्थान के संस्थान के पदाधिकारी बताते है कि माघ पूर्णिमा से फाल्गुन पूूर्णिमा इस महीने भर के शहर जिले के भाविक इन होली वृक्षों पर नारियल, चाकोली के हार समर्पित करते हैं. अंबा- एकवीरा संस्थान की होली जलने के बाद ही शहर में अन्य होली का दहन किया जाता है, ऐसा माना जाता है. वहीं मंदिर के पुरोहितों का कहना है कि यह संपूर्ण बात आस्था से जुडी है. लोग अपनी श्रध्दा और विश्वास के अनुरूप होली में श्रीफल या गोधन से बनी चाकोली अर्पित करते हैं.

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