* 29 स्थानों पर दूसरा स्थान, 2 निर्वाचन क्षेत्र में तीसरे क्रमांक पर
नागपुर/दि.26– विदर्भ की 62 में से 40 स्थानों पर कांग्रेस के उम्मीदवार लडे. प्रत्येक जिले में कांग्रेस के उम्मीदवार रिंग में थे. मगर उसमें बुलढाणा, अमरावती, गोंदिया और वर्धा इन जिलों में एक भी उम्मीदवार चुनकर नहीं आ सका. अमरावती जिले के धामनगांव रेल्वे से वीरेन्द्र जगताप, अमरावती से डॉ. सुनील देशमुख, तिवसा से यशोमती ठाकुर, मेलघाट से डॉ. हेमंत चिमोटे व अचलपुर से अनिरुध्द उर्फ बबलू शेखावत यह सभी चुनाव मैदान में उतरे थे. वर्धा जिले के देवली से रणजीत कांबले, वर्धा से शेखर शेंडे, गोंदिया जिले के अर्जुनी मोरगांव से दिलीप बंसोड, गोंदिया से गोपालदास अग्रवाल और आमगांव से राजकुमार पुराम यह भी चुनाव मैदान मेें थे.
पूर्व मंत्री यशोमती ठाकुर की हार
अमरावती जिले से कांग्रेस की प्रतिनिधित्व पूर्व मंत्री यशोमती ठाकुर करती आयी है. विगत तीन चुनाव में उन्हें जीत मिली थी. वही महाविकास आघाडी सरकार में वे मंत्री भी रह चुकी है. विशेष यह की विदर्भ से लगातार चुनकर आने वाली एकमेव महिला विधायक का मान भी उन्हें ही मिला था. मगर इस चुनाव में भाजपा के राजेश वानखडे ने उन्हें पराजित कर दिया है. इसी के साथ वर्धा जिले के देवली से प्रतिनिधित्व करने वाले रणजित कांबले को भी भाजपा के राजेश बकाने ने पराजित कर धूल चटाई है.
पूर्व मंत्री सहित विद्यमान विधायक हारे
कांग्रेस 4 जिले पूरी तरह साफ हो चुकी है. दूसरी ओर कांग्रेस के विद्यमान विधायकों को भी हार माननी पडी है. इन विद्यामान विधायकों में बुलढाणा जिले के मलकापूर के राजेश एकडे, चंद्रपुर जिले के राजुरा के सुभाष धोटे, अमरावती जिले के तिवसा की यशोमती ठाकुर, वर्धा जिले के देवली के रणजित कांबले हार चुके है. इनके अलावा सिंदखेड राजा से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के विद्यमान विधायक डॉ. राजेन्द्र शिंगणे भी पराजित हुए है. महाविकास आघाडी की ओर से विदर्भ के सर्वाधिक 40 स्थानों पर कांग्रेस के उम्मीदवार मैदान में थे. मगर सिर्फ 9 विधायक ही विदर्भ से विजयी हो सके है. उनकी उम्मीदवारी के समय पार्टी में बगावत होने से इसका झटका भी इन उम्मीदवारों के साथ कांग्रेस को बैठा है.