मुंबई/दि.2– महानगर पालिका, नगर परिषद और नगरपंचायत के चुनाव लडने के इच्छुकों को नामांकन के साथ प्रतिज्ञा पत्र में अपना एक भी निर्माण अवैध नहीं होने की जानकारी देनी पडेगी. आयोग उसी समय इस बात की जांच व पुष्टि कर सकेगा. यह जानकारी चुनाव आयोग ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय में दी. जिससे साफ है कि उम्मीदवारों को पहले अपने निर्माण यदि अवैध रहे होंगे तो उन्हें वैध कराना पडेगा.
इस बारे में जनहित याचिका दायर की गई है. शंतनु नादगुडे के लिए एड. वृषाली कबरे ने यह याचिका दायर की. जिस पर आयोग ने अपनी भूमिका और कानूनी प्रावधान स्पष्ट किए. चुनाव आयोग ने मुख्य न्या. देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्या. आरीफ डॉ. की खंडपीठ के सामने प्रतिज्ञा पत्र प्रस्तुत किया. जिसमें बताया गया कि स्थानीय निकाय के चुनाव लडनेवालों को उपरोक्त जानकारी देना बंधनकारक किया जा रहा है.
* आयोग करेगा जांच
चुनाव से पहले ही आयोग अवैध निर्माण के बारे में जांच करेगा और उम्मीदवार को चुनाव लडने से रोक भी सकता है. चुनकर आने के बाद प्रत्याशी को गैर कानूनी निर्माण के लिए अयोग्य ठहराने की कानूनी प्रक्रिया में काफी समय लगता है.
* नगरसेवक होंगे अपात्र
उम्मीदवार व्दारा गैर कानूनी निर्माण करने के बाद भी प्रतिज्ञा पत्र में झूठी जानकारी दिए जाने पर नगरसेवक के रुप में अयोग्य ठहराया जा सकेगा. आयोग के प्रतिज्ञा पत्र में यह बात स्पष्ट की गई है. ग्राम पंचायत चुनाव के बारे में 21 दिसंबर तक निर्णय करने की जानकारी आयोग ने कोर्ट को दी.