एमआईडीसी के 4 अधिकारियों पर होगी अदालती अवमानना की कार्रवाई
हाईकोर्ट ने जारी किया समन्स, 19 अगस्त को हाजिर रहने का आदेश
नागपुर/दि.13– महाराष्ट्र राज्य औद्योगिक विकास महामंडल (एमआईडीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. विपिन शर्मा, सहमुख्य कार्यकारी अधिकारी पोपट मलिकनेर, उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी उपेंद्र तामोरे व प्रादेशिक अधिकारी महेंद्र पटेल के खिलाफ अदालती अवमानना की कार्रवाई होनी है. जिसके संदर्भ में आरोप निश्चित करने हेतु मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने चारों अधिकारियों के नाम आगामी 19 अगस्त को अदालत में हाजिर रहने का आदेश जारी किया है.
इन चारों अधिकारियों के खिलाफ पटेल एण्ड कंपनी में अवमानना याचिका दायर की है, जिस पर न्यायमूर्तिद्वय नितिन सांभरे व अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई. कोविड काल में कृत्रिम ऑक्सीजन की किल्लत निर्माण होने की वजह से राज्य सरकार ने 21 मई 2021 को जीआर जारी कर मिशन ऑक्सीजन स्वालंबन योजना की घोषणा की थी. इसके अनुसार उद्योग संचालनालय ने 9 जून 2021 परिपत्रक जारी कर ऑक्सीजन प्रकल्प स्थापित करने हेतु औद्योगिक वसाहतों में प्राधान्य क्रम के साथ भूखंड उपलब्ध कराये जाने की बात कही थी. जिसके चलते पटेल एण्ड कंपनी ने महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल के पास आवेदन प्रस्तुत करते हुए हिंगणा औद्योगिक वसाहत में ऑक्सीजन प्रकल्प स्थापित करने हेतु एक भूखंड दिये जाने की मांग की थी. परंतु महामंडल ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया. जिसके चलते कंपनी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. जिस पर हुई सुनवाई के बाद 25 जनवरी 2023 को अदालत ने विभिन्न बातों को ध्यान में रखते हुए यह मामला महामंडल के पास वापिस भेजकर कंपनी की मांग पर संबंधित जीआर व परिपत्रक के अनुसार निर्णय लेने का आदेश जारी किया गया था.
संबंधित जीआर व परिपत्रक के अनुसार ऑक्सीजन प्रकल्प शुरु करने हेतु एक से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर भूखंड की निलामी करने अथवा पहले आने वाले को प्रथम प्राधान्य तत्व के अनुसार भूखंड का वितरण करना अपेक्षित होता है. इस मामले में महामंडल से ऑक्सीजन प्रकल्प स्थापित करने हेतु केवल पटेल एण्ड कंपनी में ही भूखंड मांगा था. जिसके चलते उक्त कंपनी को भूखंड वितरीत करना आवश्यक था. परंतु महामंडल ने उक्त भूखंड का सर्व उद्देश्य के लिए निलामी करने का निर्णय लिया. जिसकी वजह से अदालती आदेश की अवमानना हुई, ऐसा कंपनी का कहना रहा. कंपनी की ओर से एड. फिरदौस मिर्जा व एड. एस. ओ. अहमद ने अदालत में पैरवी की.