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मृत व्यक्ति के नाम पर ठेका मंजूर, 72 लाख का बिल भी जारी

गोंदिया जिप के निर्माण विभाग में उजागर हुआ घोटाला

गोंदिया/ दि.13 – पारदर्शक प्रशासनिक कामकाज के लिए चाहे कितने भी कडे नियम लागू किये जाए, लेकिन घोटाले करने में माहिर लोग कोई न कोई जुगत भिडाते हुए घोटाला करते ही है. जिससे पता चलता है कि, भ्रष्टाचार की जडे कितनी गहरी है. ऐसा ही एक मामला गोंदिया जिला परिषद के निर्माण विभाग में सामने आया. जहां पर एक मृत व्यक्ति के नाम पर ठेका मंजूर किया गया और फिर फर्जी हस्ताक्षरों का सहारा लेते हुए करीब 72 लाख रुपए के बिलों का भुगतान भी कर दिया. इस मामले के उजागर होते ही गोंदिया सहित समूचे राज्य में सनसनी व्याप्त है और माना जा रहा है कि, निर्माण विभाग के अधिकारियों ने घोटाला विषय को लेकर ‘पीएचडी’ कर रखी है. विशेष उल्लेखनीय यह है कि, खुद जिला परिषद अध्यक्ष ने इस विषय को लेकर जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पास गोपनीय शिकायत की थी, लेकिन इस बात को एक माह का समय बीत जाने के बावजूद अब तक संबंधितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में यह सवाल पूछा जा रहा है कि, आखिर गोंदिया जिला परिषद में चल क्या रहा है.
जानकारी के मुताबिक जिला परिषद के निर्माण विभाग अंतर्गत 8 लाख रुपए मूल्य वाले विद्युतीकरण के 8 कामों का ठेका गोंदिया शहर के पी. ए. बग्गा कॉन्ट्रैक्टर एण्ड सप्लायर्स नामक एजंसी को दिया गया था. इनमें से एक काम के लिए 0.11 फीसद कम दर से निविदा पेश किये जाने के चलते निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता व्दारा 4 मार्च 2022 को अतिरिक्त सीईओ के कक्ष में बग्गा फर्म के संचालक को बातचीत हेतु बुलाया गया था, लेकिन असलिय यह थी कि, बग्गा फर्म के संचालक प्रितपालसिंह अमोलकसिंह बग्गा की 19 फरवरी 2021 की मौत हो चुकी थी और बग्गा की बजाय बग्गा के बेटे ने अतिरिक्त सीईओ के कक्ष में उपस्थित रहकर दरों को लेकर बातचीत की और वर्कऑर्डर हासिल करते हुए काम करने के बाद अपने पिता के फर्जी हस्ताक्षर कर 72 लाख रुपए के बिलों का भुगतान भी हासिल किया.
विशेष उल्लेखनीय है कि एक टेंडर में एक फर्म को निमयानुसार 3 से अधिक काम नहीं दिये जा सकते. लेकिन इसके बावजूद बग्गा की फर्म को 13 कामों में से 18 कामों का ठेका कैसे दिया गया. यह अपने आप में सबसे बडा सवाल है. संदेह जताया जा रहा है कि, संभवत: इसमें जिला परिषद के कुछ बडे अधिकारियों की मिलीभगत शामिल है. ऐसे में खुद जिला परिषद अध्यक्ष पंकज राहगडाले ने गोपनिय शिकायत करते हुए मामले की जांच करने की मांग की थी, परंतु जिप अध्यक्ष व्दारा की गई शिकायत के बावजूद अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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