राष्ट्रवादी कांग्रेस मेें 65.6 करोड के इलेक्ट्रोरोल बाँड का विवाद
चुनाव आयोग कह रहा 65 करोड, पार्टी बता रही 50 करोड
मुंबई/दि.22– राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जो अब विभाजीत हो चुकी है, में 2018 से जनवरी 2024 के बीच चुनाव आयोग के दावे नुसार 65.6 करोड के इलेक्ट्रोरोल बाँड का मुद्दा विवादो गिरता दिखाई दे रहा है.
शरद पवार की राष्ट्रवादी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने दावा किया कि, उनकी पार्टी को 50.5 करोड के ही इलेक्ट्रोरोल बाँड मिले है. पाटिल के अनुसार 2019 तक 31 करोड और उसके बाद 20 करोड इस तरह कुल 50.5 करोड ही मिले है. इनमें से अधिकांश 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में इस्तमाल कर लिए गए है. अब केवल 7 लाख रुपए बचे है. जिसका अकाऊंड फिलहाल सीज कर लिया गया है. मुझे नहीं पता कि, चुनाव आयोग 66 करोड किस आधार पर कह रहा है.
पाटिल के अनुसार सभी पैसे राष्ट्रवादी टूटने के पहले मिले थे. जुलाई 2023 में पार्टी में विभाजन हुआ. उसके बाद दोनों खेमों द्वारा खुद को असली राष्ट्रवादी बताए जाने के चलते स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने फिलहाल बैंक खाता सीज कर रखा है. हम अभी अलग खाता खोलकर उसे ऑपरेट कर रहे है.
दूसरी तरफ अजीत पवार की एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने बताया कि, उनकी पार्टी को इलेक्ट्रोरोल बाँड के माध्यम से कोई चुनावी चंदा नहीं मिला है. हम फिलहाल शुभचिंतको से चंदा पाने की कोशिश कर रहे है. शरद पवार की एनसीपी को जो चुनावी चंदा मिला था वें अधिकतम बिल्डर थे और उनका व्यवसाय पुणे बेज्ड था. राष्ट्रवादी को जिन्होंने चंदा दिया था उनमें निबोटिया फाऊंडेशन, भारती एअरटेल, सायरस पुणावाला, युनायटेड स्वीपर्स और बिल्डर अविनाश भोसले शामिल है. कुछ चंदा बजाज फिन्सर्व अतुल चोरडिया, युनायटेड फॉस्फोरस, ओबेरॉय इयालिटी और अभय फिरोदिया से भी मिला है. इनमें से कुछ की जांच भी जारी है.