महाराष्ट्र

कोरोना जांच आरटी-पीसीआर जांच पर अधिक जोर दें

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

हिं.स./दि.३१
मुंबई – कोरोना जांच बढाते समय आरटी-पीसीआर जांच पर भी अधिक जोर दे. उपलब्ध क्षमता से जांच किये जाने पर जनता पर आर्थिक भार नहीं पडेगा. यह उसका अचुक उपचार है. जांच की क्षमता रहने पर भी यह उपयोग में लायी नहीं जाती. इस ओर ध्यान देने की गरज है, ऐसी विनती राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से की और उन्हें इस आशय का पत्र लिखा. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजे गये पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि, मुंबई के एंटीजन जांच का अनुभव खास अच्छा नहीं है. १८ से २१ जुलाई के काल में मुंबई में २ प्रयोगशाला की रिपोर्ट ध्यान में रखते हुए कोरोना के लक्षण वाले ६५ प्रतिशत मरीजों की एंटीजन जांच कोविड-१९ के लिए नकारात्मक आयी. किंतु उनकी आरटी-पीसीआर जांच करने के पश्चात वे मरीज कोरोना पॉजिटिव आये. तमिलनाडू राज्य ने ऐसा ही प्रारंभ में एंटिजन जांच पर अधिक जोर दिया था. जिसके फलस्वरुप जांच में गति आयी. उसके पश्चात उन्होंने केवल आरटी-पीसीआर की जांच पर जोर देना शुरु किया. एंटिजन जांच में फॉल्स निगेटिव की संख्या भरपूर आने की वजह से टेस्टिंग योजना में बदलाव करना पडा. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्था ने राज्य सरकार को भिजवाये पत्र के अनुसार राज्य में आरटी-पीसीआर जांच की क्षमता बढे प्रमाण में है.
शासकीय प्रयोगशालाओं में ३५.९००, निजी प्रयोगशालाओं में २०.०४० प्रतिदिन की इतनी क्षमता है. कुल जांच क्षमता ५५.२४० है. जिसमें १२.२१० इतनी क्षमता केवल मुंबई में उपलब्ध है. अब तक मुंबई की जांच में पाया गया. साधारणत: ५८०० जांच इतनी है. प्रत्यक्ष में १२.२१० क्षमता रहते हुए कम प्रमाण में इसका वापर किया जा रहा है. नागरिकों को खुदके किखे में से पैसे खर्च करने पड रहे है. स्थानिक प्रशासन को पर्यायी जांच पर अधिक पैसे खर्च करने पडते है. स्थानीय प्रशासन को भी पर्यायी जांच के लिए खर्चा करना होता है. इसलिए एंटिजन जांच की बजाय आरटी-पीसीआर पर अधिक जोर दिया जाए, ऐसी मांग पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य सरकार से की.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button