महाराष्ट्र

कोरोना वैक्सिन की जांच शुरु ही रहेगी

केंद्रिय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया

नई दिल्ली/दि.3 – कोरोना वैक्सिन का प्रायोगिक डोज लेने पर अपने शरीर पर दुष्परिणाम होने का दावा करते हुए वैक्सिन की जांच रोकी जाए, ऐसी मांग चेन्नई के एक स्वयं सेवक ने की थी. जिसमें केंद्रिय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि वैक्सिन की जांच रोकने की आवश्यकता नहीं और यह जांच नियमित शुरु रहेगी ऐसा केंंद्रिय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को स्पष्टीकरण दिया गया. कोरोना शिल्ड वैक्सिन एस्ट्राझेनेका तथा ऑक्सपोर्ड विद्यापीठ की ओर से विकसित की जा रही है.
पुणे के सिरम इंस्ट्यिूड ऑफ इंडिया ने भी वैक्सिन के लिए एस्ट्राझेनेका से करार किया है. देश में वैक्सिन की जांच तीसरे चरण में शुरु है. चेन्नई में हुई दुर्दैवी घटना का इस वैक्सिन से प्रत्यक्ष संबंध है या नहीं यह तय करने का काम औषध नियामक का है. किंतु इस घटना के कारण जांच पर इसका परिणाम नहीं होगा ऐसा भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है. पिछले हफ्ते चेन्नई के एक स्वयं सेवक ने कोरोना वैक्सिन का प्रयोग के तौर पर डोज लेने के पश्चात विपरित परिणाम होने पर दावा कर 5 करोड रुपए नुकसान भरपाई दिए जाने की मांग की थी. किंतु उस व्यक्ति का दावा गलत है ऐसा सिरम ने कहा. इस स्वयं सेवक की सेहत के संदर्भ में सिरम इंस्ट्यिूड को सहानुभूति है. किंतु इसका वैक्सिन से कोई संबंध नहीं ऐसा सिरम कंपनी ने स्पष्ट कहा है.

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