महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के 24 जिलोंं में कोरोना के डेल्टा प्लस वायरस का संक्रमण

हालात पर रखनी होगी बारीक नज़र

मुंबई/दि. 31 – महाराष्ट्र के 24 जिलों में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के म्यूटेंट वायरस पाए गए हैं. इसके सबसे ज्यादा मरीज रत्नागिरि और जलगांव में पाए गए हैं. लेकिन फिर भी राहत की बात यह है कि यहां संक्रमण तेजी से नहीं बढ़ा है. यानी डेल्टा प्लस वेरिएंट के फैलने की रफ्तार डेल्टा वेरिएंट के संक्रमण की रफ्तार से कम है. इसके बावजूद विशेषज्ञों ने महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट से जुड़ी स्थितियों पर बारीक नज़रें बनाए रखने की सलाह दी है.
सोमवार को नए 27 डेल्टा प्लस संक्रमित केस सामने आए. इस वजह से अब महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस संक्रमित मरीजों की संख्या 103 हो चुकी है. अब राज्य के कुल 24 जिलों में इसके फैलने की पुष्टि हो चुकी है. जिनोम सिंक्वेंसिंग टेस्टिंग की आई रिपोर्ट से यह बात पुख्ता हुई है. जितने भी डेल्टा प्लस वेरिएंट के मरीज सामने आए हैं उनमें से 50 प्रतिशत मरीज विदर्भ और कोंकण क्षेत्र से हैं.
रत्नागिरि जिले में सबसे ज्यादा मरीज संगमेश्वर तालुका (प्रखंड) में पाए गए हैं. रत्नागिरि में कुल 15 मरीज पाए गए हैं. लेकिन यहा संक्रमण का तेजी से फैलाव होने या किसी खास ठिकाने पर मरीजों की संख्या बढ़ने के लक्षण दिखाई नहीं दिए. कोंकण क्षेत्र में संक्रमितों की ज्यादा संख्या सिंधुदुर्ग और चिपलून में थी.रत्नागिरि में संक्रमण 2 प्रतिशत से नीचे आ गया है.
जलगांव में भी डेल्टा प्लस वेरिएंट के 13 लोग पाए गए थे. जून में ये केस सामने आए थे. बाद में यहां गांवों में 500 लोगों के RT-PCR टेस्ट किए गए. इसमें भी मरीजों की संख्या कोई खास बढ़ी नहीं. इनके संपर्क में आकर भी लोगों में संक्रमण बढ़ने का कोई खास संकेत दिखाई नहीं दिया.

महाराष्ट्र में जलगांव में 13, रत्नागिरि में 15, मुंबई में 11 और कोल्हापुर में 7 मरीज मिले हैं. ठाणे, पुणे, अमरावती, गढ़चिरोली में से हर जिले में 6-6 मरीज पाए गए हैं. नागपुर में 5 और अहमदनगर में 4 मरीज पाए गए हैं. पालघर, रायगढ़, अमरावती में 3-3 मरीज पाए गए हैं. नांदेड़, गोंदिया, सिंधुदुर्ग, नासिक में 2-2 और चंद्रपुर, अकोला, सांगली, नंदुरबार, औरंगाबाद, बीड, भंडारा में 1-1 मरीज पाए गए हैं. इन सबमें से 98 मरीज ठीक हो चुके हैं. 5 मरीजों की मौत हो गई है. रत्नागिरि में 2 और बीड, मुंबई और रायगढ़ में 1-1 मरीज की मौत हुई है. 17 मरीजों को वैक्सीन की दोनों डोज और 18 मरीजों को एक डोज दी जा चुकी है.
डेल्टा प्लस वायरस के संक्रमण को महाराष्ट्र में फैले हुए एक महीने से भी ज्यादा समय हो चुका है. कहीं भी संक्रमण में फैलाव होने में 14 दिनों का समय लगता है. लेकिन अब तक इससे दुगुना वक़्त गुज़र चुका है, फिर भी डेल्टा वेरिएंट की तुलना में डेल्टा प्लस वेरिएंट का संक्रमण कुछ खास तेजी से नहीं फैला. लेकिन जानकारों की यह भी राय है कि कम तेजी से फैलाव होने का मतलब कम घातक होना नहीं है. आखिर डेल्टा प्लस भी डेल्टा वेरिएंट का ही एक उप प्रकार है. उसी का एक अंश है. ज़रूरत और भी अधिक टेस्टिंग करने की है. कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. शशांक जोशी का मत यही है कि भारत में भले ही ना सही लेकिन यूरोप और दुनिया के अन्य हिस्सों में डेल्टा प्लस बेहद घातक सिद्ध हुआ है. इसलिए तुरंत अनुमान लगा लेना सही नहीं है. बल्कि स्थितियों पर बारीक नज़रें होनी ज़रूरी है.

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