मुंबई/दि. 8 – मुंबई, दिल्ली सहित देश के कई बड़े शहरों में हयात रेजेंसी (Hyatt Regency) नाम से पहचाने जाने वाले फाइव स्टार होटल्स पर कोरोना का कहर टूट पड़ा है. इन फाइव स्टार होटलों को चलाने वाली कंपनी के पास कर्मचारियों को सैलरी देने के पैसे नहीं हैं. इसलिए हयात रेजेंसी का मुंबई वाला होटल बंद कर दिया गया है. इससे एक झटके में 193 कर्मचारियों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं और वे इस फाइव स्टार होटल के स्वामित्व वाली कंपनी के खिलाफ इंडस्ट्रियल कोर्ट चले गए हैं. हयात रेजेंसी के प्रबंधकों ने सफाई देते हुआ कहा है कि होटल चलाने के लिए, कर्मचारियों को पैसे देने के लिए, बैंक के कर्जे भरने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं. पिछले साल जब कोरोना की पहली लहर आई थी, तो होटल के प्रबंधकों ने किसी तरह होटल चलाया. जब तक कोरोना की पहली लहर गई, और टूरिज्म और हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री किसी तरह संभल रही थी कि कोरोना की दूसरी लहर आ गई. इस बीच होटल ग्रुप ने यस बैंक से कर्ज लिया. कंपनी पर 4 करोड़ 32 लाख का कर्ज है. कर्ज चुकाना ही मुश्किल हो रहा है. कर्ज सही समय पर नहीं चुका पाने की वजह से बैंक ने होटल के कई आर्थिक व्यवहारों पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है. ऐसे में सैलरी देना मुश्किल है.
देश के कई शहरों में हयात रेजेंसी के फाइव स्टार होटल हैं. लेकिन दिल्ली और मुंबई के होटलों की प्रसिद्धि सबसे ज्यादा है. इन दोनों होटलों में से अब मुंबई की हयात रेजेंसी को अस्थायी तौर पर बंद करने का निर्णय लिया गया है. लेकिन इस निर्णय के खिलाफ 193 कर्मचारी इंडस्ट्रियल कोर्ट चले गए हैं. न्यायालय ने अगली सुनवाई 28 जून को रखी है. तब तक न्यायालय ने कंपनी को निर्देश दिया है कि वे किसी भी कर्मचारी को काम से ना हटाएं. कर्मचारियों का कहना है कि पिछले दो महीनों से उन्हें वेतन नहीं मिल रहा था और फिर सोमवार को अचानक होटल बंद करने का ही फैसला ले लिया गया. मुंबई के हयात रेजेंसी का स्वामित्व एशियन होटल्स कंपनी के पास है. यह स्पष्ट कर दें कि देश भर के हयात रेजेंसी नाम से चलने वाले फाइव स्टार होटलों में से सिर्फ मुंबई के होटल को बंद करने का निर्णय लिया गया है. कंपनी का कहना है कि सरकारी कर, वेंडर्स के पैसे, बैंक के पैसे और होटल चलाने के रोज के खर्चों का बोझ उठाना अब कंपनी के लिए मुश्किल हो रहा है.