पुणे/दि.12– छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज हमेशा से देशवासियों के प्रेरणास्थान रहे है. किसी भी संकटकाल का पूरे धैर्य से सामना करने हेतु किसी न किसी राजसत्ता का राजाश्रय आवश्यक होता है. छत्रपति शिवाजी महाराज अपने आप में सर्वोच्च थे. वहीं उनके पश्चात छत्रपति संभाजी महाराज ने हर तरह के संकट का धैर्यपूर्वक सामना किया. जिसका वास्तविक चित्र आज की युवा पीढी के सामने प्रस्तुत करने की जरूरत है. इस आशय का प्रतिपादन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार द्वारा किया गया.
यहां पर पुरंदर किले को भेंट देने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि, प्रत्येक किले का अपना एक इतिहास है और उस योग्य इतिहास को योग्य पध्दति से रखा जाना चाहिए. लेकिन इन दिनों राजनीतिक फायदे को ध्यान में रखते हुए इतिहास का ध्रुवीकरण करने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके तहत सर्वसामान्य लोगों की ऐतिहासिक भावना आहत की जा रही है.
राकांपा प्रमुख शरद पवार के मुताबिक सौभाग्यवाली बात है कि, पुरंदर किला सेना के कब्जे में है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि, अन्य किलों की तरह पुरंदर किले की ओर भी ध्यान दिया जाये. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, विगत कुछ दिनों से इतिहास के चुनिंदा हिस्सों को अलग करते हुए उससे कुछ अलग भावना निर्माण करने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि इतिहास हमेशा निष्पक्ष व निरपेक्ष होना चाहिए.