अमरावतीमहाराष्ट्र

सीसीआई की कपास खरीदी में रुई का घोटाला

प्रति क्विंटल तीन किलो की हेराफेरी

अमरावती /दि.11– सीसीआई की कपास खरीदी में रुई का घोटाला होने की शिकायत सामने आने लगी है. जिनिंग प्रेसिंग में कपास से निकालने वाली रुई में यह हेराफेरी हुई बतायी जाती है. इस घोटाले की जांच करने की मांग पणन मंत्री जयकुमार रावल के पास की गई है. प्रति क्विंटल 3 किलो की हेराफेरीे होने की बात कही जा रही है. इस घोटाले की सहनिबंधक के जरिए जांच करने की मांग भी की जा रही है.
सीसीआई के जरिए इस बार कपास की गारंटी भाव से खरीदी की गई. कपास की गाठ बांधने के लिए सीसीआई ने स्थानीय स्तर पर खुद की जिनिंग नहीं रहने से निजी जिनिंग के साथ करार किया. इसमें खरीदीदार ने लाभ मिलने के लिए कपास के प्रत्यक्ष में आने वाले उतारे में गलत जानकारी दर्ज कर कागजपत्र तैयार किये और दिशाभूल करते हुए आर्थिक लाभ उठाया रहने की शिकायत है. राज्य में करीबन 40 लाख क्विंटल रुई गांठ सीसीआई ने खरीदी की है. एक गांठ 170 किलो की है. इस बार जिनिंग धारक के साथ हुए करार के मुताबिक सीसीआई ने अक्तूबर माह में 32.35, नवंबर में 32.70, दिसंबर में 33.10 और जनवरी में 33.30 प्रतिशत रुई का प्रमाण प्रति क्विंटल गृहित माना है. इसके मुताबिक 170 किलो की एक रुई की गांठ सीसीआई को कर देना था. एक क्विंटल कपास में करीबन 35 से 37 किलो रुई निकलती है. किसान साधारण रुप से अक्तूबर से दिसंबर की कालावधि में कपास विक्री को ले जाता है. कपास की पहली कटाई विक्री की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है. पहली और दूसरे कटाई के कपास में 35 किलो अथवा उससे ज्यादा रुई का प्रमाण रहता है. ऐसा रहते हुए भी खरीदी 32.35 प्रतिशत के मुताबिक किये जाने की शिकायत है. प्रति क्विंटल औसतन 3 किलो रुई का घोटाला हुआ है. 170 किलो रुई की गांठ तैयार करने के लिए करीबन 5 क्विंटल कपास लगता है. इसके मुताबिक एक गांठ के पीछे 15 किलो रुई का घोटाला किया गया है. वर्तमान में 1 किलो रुई के भाव 156 रुपए प्रति किलो है. सीसीआई ने 40 लाख क्विंटल गांठ खरीदी की है. इस कारण यह घोटाला कितना बडा है. इस बाबत कल्पना की जा सकती है. इस घोटाले की जांच करने की मांग डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ के कार्यकारी परिषद के पूर्व सदस्य विनायक सरनाइक ने पणन मंत्री के पास की है. इस घोटाले में सीसीआई के अधिकारी शामिल रहने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है.

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