नागपुर/ दि.30– पत्नी का नांदुरा में चल रहा मामला ठाणे में स्थानांतरीत करने के लिए चालाकी दिखाने वाले पति को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने जोरदार धक्का दिया है. यह मामला स्थानांतरित कर पत्नी को छलना ही पति का एकमात्र उद्देश्य है, यह बात न्यायालय के समझ में आने के बाद पति के अर्जी को खारिज किया गया है. न्यायाधीश विनय देशपांडे ने यह महत्वपूर्ण निर्णय दिया है.
मिली जानकारी के अनुसार पत्नी ने अपने पति के खिलाफ बुलढाणा जिले के नांदूरा के प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी न्यायालय में पारिवारिक हिंसाचार से महिला सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत मामला दर्ज किया है. इस दरमियान पति ने अपनी पत्नी के साथ छल करने के लिए मामले को ठाणे के परिवार न्यायालय में स्थानांतरित करने कीे योजना बनाई. इसके लिए पति ने उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी. संबंधित मामले की सुनवाई के लिए मौजूद रहने के लिए नांदूरा जाने पर पत्नी के रिश्तेदारों ने जबर्दस्त मारपीट की. इससे उनकी जान को खतरा है. यह आरोप पति ने अर्जी में किया था. यह आरोप साबित करने के लिए उसने घायल होने की तस्वीरें और मेडिकल प्रमाणपत्र भी प्रस्तुत किया था, लेकिन उसकी यह चालकी जल्द पकड ली. घायल होने की तस्वीरे कब निकाली. यह पति स्पष्ट नहीं कर पाया. इसके अलावा मेडिकल प्रमाणपत्र भी फर्जी पाया गया. जिसके बाद न्यायालय ने पति के आवेदन को खारीज कर दिया.