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अजित पवार सहित 69 आरोपियों को मिली क्लीनचिट
मुंबई/दि.२९ – मुंबई सत्र न्यायालय ने महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में हुए 25 हजार करोड़ रुपए के कथित घोटाले को लेकर मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यु) की क्लोजर रिपोर्ट के विरोध में ंदायर याचिकाओं की सुनवाई दूसरे न्यायाधीश के समक्ष स्थानांतरित किए जाने की मांग को लेकर दायर आवेदन पर रिपोर्ट मंगाई गई है.
कोर्ट ने इस रिपोर्ट को गोपनीय र खने का निर्देश दिया है. यह रिपोर्ट उस कोर्ट से मंगाई गई है जो ईओडब्ल्यु की क्लोजर रिपोर्ट के विरोध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. बुधवार को विशेष न्यायाधीश ए.टी. वानखेडे ने याचिकाकर्ता माणिक जाधव की ओर से दायर आवेदन पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया है.
मामले की सुनवाई 4 मई 2021 को रखी है. न्यायाधीश ए सी डागा ईओडब्ल्यू की क्लोजर रिपोर्ट से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई क र रही है. गौरतलब है कि अक्तूबर 2020 में ईओडब्ल्यू ने 25 हजार करोड़ रुपए के कथित घोटाले में राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार सहित अन्य लोगों को क्लीन चिट दी थी. इसके विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे, सुरेन्द्र अरोड़ा व जाधव ने कोर्ट में याचिका दायर की है.
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जाधव मूल शिकायतकर्ता नहीं – अभियोजन
याचिकाकर्ता जाधव ने निष्पक्षता से मामले की सुनवाई न करने का आरोप लगाया है. वहीं अभियोजन पक्ष ने दावा किया है कि जाधव ने न्यायाधीश डागा पर निराधार आरोप लगाए हैं. वे बचाव पक्ष को अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त समय दे रहे हैं. इसके अलावा जाधव इस मामले में मूल शिकायतकर्ता नहीं है. इसलिए उन्हें इस तरह का आवेदन दायर करने का अधिकार नहीं है. मामले के मूल शिकायतकर्ता सुरेन्द्र मोहन अरोडा हैं. इन्होंने आवेदन नहीं किया है. इसलिए जाधव के आवेदन पर सुनवाई की जायेे.