प्रतिबंधित नायलॉन मांजा बिक्री पर न्यायालय सख्त
विदर्भ के सभी पुलिस आयुक्त व एसपी से मांगा जवाब
नागपुर /दि. 20– मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में नायलॉन मांजा बिक्री मामले में जनहित याचिका दायर की गई थी. इस मामले में बुधवार को हुई सुनवाई में न्यायालय ने प्रतिबंधित नायलॉन मांजा की बिक्री के रोकथाम के लिए क्या किया गया? यह सवाल करते हुए विदर्भ के सभी जिले के पुलिस अधीक्षक और पुलिस आयुक्त को जवाब दाखिल करने के आदेश दिए है.
याचिका पर न्यायाधीश नितिन सांबरे व न्यायाधीश वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई. संक्राती पर नागपुर में जमकर पतंगबाजी होती है. लेकिन इस दौरान पतंग उडाने में नायलॉन मांजे के इस्तेमाल के अनेक दुर्घटनाएं होती है. सिर्फ पक्षियों के लिए ही नहीं, मनुष्य के लिए भी नायलॉन मांजा घातक है. ऐसी ही कुछ घटनाओं में नायलॉन मांजे से गर्दन कटने या फिर वाहन चालकों के साथ दुर्घटनाओं के कई मामले सामने आने पर हाईकोर्ट ने यह सु-मोटो जनहित याचिका दायर की है.
* गुजरात व उत्तर प्रदेश से आ रहा नायलॉन मांजा
नायलॉन मांजा के बंदी पर प्रभावी अमल न होने पर कोर्ट ने सरकार को जमकर फटकार लगाई थी. तब आर्थिक विभाग के पुलिस उपायुक्त ने कोर्ट में हाजिर होकर बताया था कि, नागपुर और पूरे महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा नायलॉन मांजा गुजरात और उत्तर प्रदेश से आता है. इस पर कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को आदेश दिया था कि, बाहरी राज्यों से नायलॉन मांजा न आए इसलिए उचित कदम उठाएं जाए.